तनख्वाह भुगतान नहीं देने के प्रकरण में उच्च न्यायालय का रोक हटाने से इंकार

By भाषा | Published: November 9, 2020 06:49 PM2020-11-09T18:49:39+5:302020-11-09T18:49:39+5:30

High court refuses to lift ban in case of non-payment of salary | तनख्वाह भुगतान नहीं देने के प्रकरण में उच्च न्यायालय का रोक हटाने से इंकार

तनख्वाह भुगतान नहीं देने के प्रकरण में उच्च न्यायालय का रोक हटाने से इंकार

नयी दिल्ली, नौ नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं अन्य कर्मियों को छात्र निधि से बकाया वेतन का भुगतान करने संबंधी आप सरकार के आदेश पर लगाई गई रोक को सोमवार को हटाने से इंकार कर दिया।

अदालत ने कहा कि वह सभी पक्षों को सुनने के बाद ही रोक हटाने के आवेदन पर फैसला करेगी और उसने 12 कॉलेजों से जवाब मांगा।

न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने 12 कॉलेजों एवं दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) को नोटिस जारी किया। दिल्ली सरकार ने रोक को हटाने के लिए आवेदन दाखिल किया है। ये सभी 12 कॉलेज दिल्ली सरकार द्वारा पूर्ण वित्त पोषित हैं।

अदालत ने कॉलेजों को डूसू की याचिका पर जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का वक्त भी दिया। डूसू ने दिल्ली सरकार के 16 अक्टूबर के आदेश को उच्च न्यायलय में चुनौती दी है। दिल्ली सरकार ने इन 12 कॉलेजों को 1500 अध्यापकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों की तनख्वाह का भुगतान छात्र निधि से करने का आदेश दिया था।

अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 15 दिसंबर तय की।

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने उच्च न्यायालय से 23 अक्टूबर को लगाई गई रोक को हटाने की अपील की। उच्च न्यायालय ने छात्र कल्याण निधि से कर्मियों को बकाया वेतन का भुगतान करने के दिल्ली सरकार के निर्णय पर रोक लगा दी थी।

दिल्ली सरकार के वकील ने कहा, ‘‘कॉलेज विशाल धनराशि पर कुंडली मारकर बैठे हैं, इस तथ्य के बावजूद दिल्ली सरकार रकम जारी करने के लिए बाध्य है।’’

उच्च न्यायालय ने कहा कि 23 अक्टूबर का उसका अंतरिम आदेश अगले आदेश तक जारी रहेगा।

दिल्ली विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त एवं दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित कॉलेज हैं: आचार्य नरेंद्रदेव कॉलेज, डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज, भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंसेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, अदिति महिला महाविद्यालय, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंसेज, केशव महाविद्यालय, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन, शहीद राजगुरु कॉलेज ऑफ अप्लाएड साइंसेज फॉर वूमेन और शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज।

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Web Title: High court refuses to lift ban in case of non-payment of salary

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