दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में उच्च न्यायालय ने 20 वर्षीय छात्र को दी जमानत

By भाषा | Updated: December 5, 2021 20:06 IST2021-12-05T20:06:20+5:302021-12-05T20:06:20+5:30

High Court grants bail to 20-year-old student in a case related to Delhi riots | दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में उच्च न्यायालय ने 20 वर्षीय छात्र को दी जमानत

दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में उच्च न्यायालय ने 20 वर्षीय छात्र को दी जमानत

नयी दिल्ली, पांच दिसम्बर दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में अप्रैल, 2020 से हिरासत में रखे गये 20 वर्षीय एक छात्र को यह कहते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया कि रिहाई के बाद सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है।

शिकायत के अनुसार, गोकलपुरी का रहने वाला याचिकाकर्ता आरोपी उन तीन लोगों में शामिल था, जो 25 फरवरी, 2020 को कथित तौर पर एक घर में आग लगाने और सामान लूटने वाली भीड़ का हिस्सा थे।

अभियोजन पक्ष ने इस आधार पर उसकी जमानत का विरोध किया कि याचिकाकर्ता पर दंगा भड़काने का आरोप है और अगर उसे जमानत पर रिहा किया जाता है, तो उसके सबूतों से छेड़छाड़ करने और गवाहों को धमकाने की पूरी संभावना है।

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि मामले में आरोप पत्र दायर किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने याचिकाकर्ता को 20,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि का एक जमानतदार पेश करने की शर्त पर रिहा करने का निर्देश दिया।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आरोप पत्र दायर किया जा चुका है। याचिकाकर्ता की उम्र केवल 20 वर्ष है और वह एक छात्र है। याचिकाकर्ता द्वारा सबूतों के साथ छेड़छाड़ की आशंका दूर-दूर तक नजर नहीं आती है। यह अदालत जमानत पर याचिकाकर्ता को रिहा करने के पक्ष में है।’’

अदालत ने याचिकाकर्ता को अपने आवासीय पते में किसी भी बदलाव के बारे में जांच अधिकारी को सूचित करने और सबूतों से छेड़छाड़ न करने या किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश न करने की हिदायत भी दी।

याचिकाकर्ता को अपने सभी मोबाइल नंबर पुलिस को देने और उन्हें हर समय चालू रखने तथा अदालत की पूर्व अनुमति के बिना दिल्ली-एनसीआर को नहीं छोड़ने का भी निर्देश दिया गया।

अदालत ने स्पष्ट किया कि किसी भी शर्त का उल्लंघन करने पर जमानत तत्काल रद्द की जा सकती है।

अदालत ने आदेश में यह भी दर्ज किया कि निचली अदालत ने जून में उसकी जमानत याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि वीडियो फुटेज में स्पष्ट रूप से उसे दंगों में सक्रिय रूप से भाग लेते दिखाया गया था।

याचिकाकर्ता ने जमानत की मांग करते हुए कहा था कि मुकदमे में लंबा समय लगेगा और आरोप पत्र दाखिल करने के बाद उसे और हिरासत में रखने की कोई जरूरत नहीं है।

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Web Title: High Court grants bail to 20-year-old student in a case related to Delhi riots

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