देशमुख की संपत्ति कुर्क करने के संबंध में फैसला लेने से पहले उच्च न्यायालय ने उसका पक्ष नहीं सुना: ईडी

By भाषा | Updated: December 7, 2021 18:00 IST2021-12-07T18:00:39+5:302021-12-07T18:00:39+5:30

High Court did not hear Deshmukh's side before taking its decision on attachment of assets: ED | देशमुख की संपत्ति कुर्क करने के संबंध में फैसला लेने से पहले उच्च न्यायालय ने उसका पक्ष नहीं सुना: ईडी

देशमुख की संपत्ति कुर्क करने के संबंध में फैसला लेने से पहले उच्च न्यायालय ने उसका पक्ष नहीं सुना: ईडी

मुंबई, सात दिसंबर प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय में कहा कि उसे अनिल देशमुख की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क करने पर अंतिम निर्णय लेने से रोकने का आदेश देने से पहले उच्च न्यायालय ने उसका पक्ष नहीं सुना।

प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले महीने राकांपा नेता देशमुख को करोड़ों रुपये के धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। उच्च न्यायालय ने सोमवार को पूर्व मंत्री की पत्नी आरती देशमुख की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्राधिकार को अगले निर्देश तक संपत्ति जब्ती के मामले में अंतिम आदेश पारित करने से रोक दिया था। याचिका में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अस्थायी कुर्की को चुनौती दी गई थी।

न्यायमूर्ति जी एस पटेल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने हालांकि प्राधिकार को सुनवाई पूरी करने की अनुमति दी और याचिका सुनवाई के लिए 22 जनवरी को सूचीबद्ध की है।

प्रवर्तन निदेशालय की ओर से मंगलवार को अतिरिक्त सॉलिसिटर अनिल सिंह ने पीठ को बताया कि अदालत इस तरह का आदेश पारित करने से पहले जांच एजेंसी की दलीलों को सुनने में विफल रही। अदालत ने कहा कि वह 10 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय की इस दलील पर सुनवाई करेगी।

याचिका में आरती देशमुख ने दावा किया था कि पीएमएलए के तहत निर्णायक प्राधिकरण की संरचना अनुचित थी। प्राधिकार में एक अध्यक्ष और दो सदस्य होने चाहिए थे, जिनमें से एक का अनिवार्य रूप से कानून की पृष्ठभूमि से होना चाहिए था। मौजूदा समय में, प्राधिकरण में केवल एक सदस्य शामिल है, जो कानून की पृष्ठभूमि से नहीं है।

इस साल की शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय ने अस्थायी रूप से अनिल देशमुख (71) और उनके परिवार की चार करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क कर दी थी।

प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख पर लगाए गए भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोपों की प्रारंभिक जांच और फिर केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद जांच शुरू की थी। देशमुख ने इस साल अप्रैल में राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि उन्होंने किसी भी तरह का गलत काम से इनकार किया था।

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Web Title: High Court did not hear Deshmukh's side before taking its decision on attachment of assets: ED

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