झारखंड: रघुवर दास सरकार के निर्णय को हेमंत सोरेन सरकार ने पलटा, अब एक रुपए में महिलाएं नहीं खरीद पाएंगी 50 लाख रुपए तक की संपति
By एस पी सिन्हा | Published: May 16, 2020 06:02 PM2020-05-16T18:02:56+5:302020-05-16T18:05:27+5:30
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने आधी आबादी अर्थात महिलाओं के नाम पर एक रुपए में होने वाली जमीन रजिस्ट्री का प्रावधान को समाप्त कर दिया है, जिसे रघुवर सरकार के समय में शुरू किया गया था।
रांची: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने आधी आबादी अर्थात महिलाओं के नाम पर एक रुपए में होने वाली जमीन रजिस्ट्री का प्रावधान को समाप्त कर दिया है। भूमि सुधार एवं राजस्व सचिव के के सोन के हस्ताक्षर से इसकी अधिसूचना जारी की गई है। नियम बन अथा कि केवल एक रुपए में महिलाओं के नाम 50 लाख रुपये तक की अचल संपत्ति के रजिस्ट्रेशन की जायेगी, लेकिन कोविड-19 के मद्देनजर उत्पन्न हुए आर्थिक कारणों के मद्देनजर राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है।
उल्लेखनीय है कि रघुवर सरकार के समय यह योजना लाई गई थी। इसके तहत महिलाओं को 50 लाख तक की संपत्ति के निबंधन कराने पर केवल एक रुपए का स्टांप शुल्क देना पड़ता था। हालांकि, इससे महिलाओं के नाम से जमीन रजिस्ट्री की तादाद में कोई खास वृद्धि नहीं देखी गई। इसलिए सरकार में आने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे वापस लेने की घोषणा की थी। बजट सत्र के दौरान भी सरकार की ओर से इस योजना को जारी नहीं रखने का एलान किया गया था।
जानकारों का मानना है कि इस योजना को वापस लेने से भी महिलाओं को कोई खास नुकसान नहीं है, क्योंकि संपत्ति की चाहत रखने वाले लोगों पर निबंधन शुल्क कम या ज्यादा होने से इसकी खरीद-बिक्री पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है। हालांकि इससे खजाने में कुछ अतिरिक्त आमदनी जरूर आएगी। वहीं, झारखंड के सभी निबंधन कार्यालय आज से खुलने लगे हैं। 53 दिनों बाद प्रदेश भर में जमीन, फ्लैट या दूसरी संपत्ति की खरीद-बिक्री का निबंधन शुरू हो गई है।
कोरोना की रोकथाम के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग बरतने के मद्देनजर निबंधन कार्यालयों को बंद किया गया था। निबंधन महानिरीक्षक ने अपने पत्र में कहा है कि हर कार्यालय में एक दिन में 40 दस्तावेजों का ही निबंधन होगा। दस्तावेज निबंधन से जुडे पक्षों को विशेष अनुमति से ही निबंधक के कक्ष में प्रवेश की अनुमति होगी। उपायुक्तों को हर निबंधन कार्यालय में विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक सुरक्षा बलों की तैनाती के लिए कहा गया है।
यहां बता दें कि झारखंड में कोरोना संक्रमितों के मिलने की रफ्तार बढ़ गई है। खासकर एक मई के बाद से। एक मई के पहले राज्य में कुल 110 मरीज थे। 31 मार्च को रांची में पहला केस मिला था। हिंदपीढ़ी की एक मलेशियाई महिला पॉजिटिव मिली थी। लेकिन अभी राज्य में 215 मरीज हो गये हैं। इस बीच एक और खबर आ रही है, जिसमें लॉकडाउन के बीच दूसरे प्रदेशों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के मुद्दे पर अब केंद्र और राज्य सरकार में तकरार शुरू हो गई है। रेल मंत्री पीयूष गोयल झारखंड सरकार पर ट्रेन को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं देने का आरोप लगा रहे हैं।