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झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन, मजबूरी में ज्वॉइन की थी राजनीति, ऐसा रहा है अब तक का सफर

By आदित्य द्विवेदी | Updated: December 29, 2019 14:19 IST

44 वर्षीय हेमंत सोरेन झारखंड के दिशोम गुरु शिबू सोरेन के पुत्र हैं। शिबू सोरेन की तैयार जमीन पर ही हेमंत ने राजनीतिक परवाज भरने शुरू किए और अपने राजनीतिक सूझबूझ के दम पर 10 साल के अंदर ही उन्होंने सियासत की नई ऊंचाइयों को छुआ है।

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ठळक मुद्दे हेमंत सोरेन की पत्नी का नाम कल्पना सोरेन हैं जो एक बिजनेस वुमेन हैं।10 अगस्त, 1975 को पैदा हुए हेमंत सोरेन ने बीआईटी मेसरा से मकैनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई की है। 

हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए अपने राजनीतिक सूझबूझ की वजह से वो झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री बने। बतौर मुख्यमंत्री यह उनका दूसरा कार्यकाल है। इससे पहले उन्होंने 13 जुलाई 2013 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी लेकिन 23 दिसंबर 2014 को चुनाव हारने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। आज हेमंत सोरेन के साथ रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित एक समारोह में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव, कांग्रेस के विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और राष्ट्रीय जनता दल के एकमात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली।

44 वर्षीय हेमंत सोरेन झारखंड के दिशोम गुरु शिबू सोरेन के पुत्र हैं। शिबू सोरेन की तैयार जमीन पर ही हेमंत ने राजनीतिक परवाज भरने शुरू किए और अपने राजनीतिक सूझबूझ के दम पर 10 साल के अंदर ही उन्होंने सियासत की नई ऊंचाइयों को छुआ है।

आइए आपको बताते हैं हेमंत सोरेन के राजनीतिक सफर की कुछ रोचक बातेंः-

- हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष हैं। उनके पिता शिबू सोरेन केंद्रीय मंत्री और तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

- राजनीतिक में हेमंत का पदार्पण 2009 में हुआ था। जब उनके बड़े भाई दुर्गा सोरेन की अचानक मौत हो गई थी। माना जाता था कि शिबू सोरेन का राजनीतिक वारिस दुर्गा सोरेन ही होंगे लेकिन उनकी मौत के बाद हेमंत के कंधे पर जिम्मेदारियां डाल दी गई। 

- 23 जुलाई 2013 को वो झारखंड के पांचवे और सबसे युवा मुख्यमंत्री बने। उनकी उम्र मजह 38 साल थी। 

- जनवरी 2019 में उन्होंने कांग्रेस, झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक, और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ मिलकर झारखंड का पहला महागठबंधन बनाया जिसे झारखंड विधानसभा चुनाव में जीत हासिल हुई। 

- झारखंड के आदिवासी नेता के रूप में सोरेन की पहचान विपक्षी दल के नेता के तौर पर हुई। उन्होंने आदिवासियों के अधिकारों की बात की। आदिवासियों को प्रभावित करने वाली नीतियों का जमकर विरोध किया। 

- 2019 के चुनाव अभियान के दौरान सोरेन को महागठबंधन के मुख्यमंत्री के तौर पर पेश किया गया।

- 23 दिसंबर 2019 को झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आए। इसमें महागठबंधन ने पूर्ण बहुमत हासिल किया और जेएमएम सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी। हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर को दूसरी बार शपथ ग्रहण कर लिया।

हेमंत सोरेन की राजनीतिक जिंदगी से इतर कई ऐसे पहलू हैं जो उन्हें एक बेहतरीन इंसान भी बनाते हैं। उनकी सादगी के खूब चर्चे होते हैं। हेमंत सोरेन से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जो अधिकांश लोगों मालूम नहीं है।

- हेमंत सोरेन 19वीं सदी के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के अनुयायी हैं।

- हेमंत सोरेन तकनीकि को पसंद करते हैं और अपने जीवन में इस्तेमाल भी करते हैं। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक गजट का शौक है। उन्हें बाइक चलाने का भी शौक है।

- एक इंटरव्यू में हेमंत ने बताया कि बहुत कम लोगों को पता है कि खाली वक्त में वो कुकिंग भी करते हैं। ये उनके तनाव को हटाने का काम करता है। 

- मगढ़ जिले के नेमरा गांव में 10 अगस्त, 1975 को पैदा हुए हेमंत सोरेन ने बीआईटी मेसरा से मकैनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई की है। 

- हेमंत सोरेन की पत्नी का नाम कल्पना सोरेन हैं जो एक बिजनेस वुमेन हैं।

टॅग्स :हेमंत सोरेनझारखंड विधानसभा चुनाव 2019
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