नेपाली इलाके में भारी बारिश से उत्तर बिहार में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, लगाई गई धारा 144
By एस पी सिन्हा | Published: July 12, 2019 07:56 PM2019-07-12T19:56:45+5:302019-07-12T19:56:45+5:30
पिछले छह दिनों से लगातार हो रही बारिश और नेपाल के जल अधिग्रहन क्षेत्र से छोड़े जा रहे पानी के कारण बिहार से होकर गुजरने वाली सभी छोटी बड़ी नदियां उफान पर हैं. इस वजह से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इतना ही नहीं कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट भी जारी कर दिया गया है.
नेपाल से निकलने वाली नदियों में बढ़ते जलस्तर के कारण उत्तर बिहार के कई इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है. पिछले छह दिनों से लगातार हो रही बारिश और नेपाल के जल अधिग्रहन क्षेत्र से छोड़े जा रहे पानी के कारण बिहार से होकर गुजरने वाली सभी छोटी बड़ी नदियां उफान पर हैं. इस वजह से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इतना ही नहीं कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट भी जारी कर दिया गया है. पूर्वी चंपारण जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण जिले में बाढ़ की संभावना पिछले साल की तरह ही इस बार भी बढ गई है. भारी बारिश को देखते हुए जिले में धारा 144 लागू कर दिया गया है.
यहां बता दें कि रुक-रुक कर हो रही बारिश उत्तर बिहार के कई जिलों में बाढ़ के हालत हो गए हैं. जिले में भारी बारिश के कारण नदियों में उफान है. खेत पानी से लबालब भरे पड़े हैं. उत्तर बिहार से होकर गुजरने वाली अधिकतर नदियों का जलस्तर तेजी से बढ रहा है तो वहीं, नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में भी लगातार बारिश हो रही है और पानी छोड़े जाने की वजह से पूर्वी चंपारण जिले में बाढ़ की आशंका बढ गई है. एहतियातन जिलाधिकारी ने जिले में धारा 144 लागू करने का आदेश दिया है.
जिलाधिकारी के आदेशानुसार, 13 जुलाई तक जिले के सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे. प्रदेश की नदियों के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कोसी नदी में उफान है तो पटना में भी गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. वहीं, गंडक और सोन में भी तेजी दिख रही है. शिवहर में बागमती खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. उत्तर बिहार और सीमावर्ती नेपाल की नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. बिहार में बरसात हो, किसानों के जीवन में खुशहाली आए, लेकिन बाढ़ नहीं आए, इसके लिए गंगा नदी के किनारे महिलाएं पूजा कर रही हैं.
वहीं, अररिया जिले के फारबिसगंज शहर की सभी सड़कें जलमग्न हो गई हैं. बड़ी संख्या में दुकानों व मकानों में पानी घुस गया है. आवागमन भी प्रभावित है. स्कूल बसें भी प्रभावित होने के कारण अघोषित रूप से स्कूल बंद हैं. परमान नदी में जलस्तर बढ़ने से बघुआ सहित कई गांव में पानी फैल गया है. सीमा सड़क के ऊपर पानी बह रहा है. आवागमन ठप है. गांव के लोग सीमा सड़क पर ठिकाना ढूंढ़ने लगे हैं. जबकि पूर्वी चंपारण से होकर गुजरनेवाली करीब आठ नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. बागमती एवं लालबकेया का पानी मोतिहारी, ढाका, शिवहर पथ के देवापुर से बेलवा तक सड़क पर चढ़ गया है. इस कारण वाहनों का परिचालन बंद हो गया है. शिवहर का संपर्क पूर्वी चंपारण से टूट गया है.
देवापुर से बेलवा तक दो किलोमीटर में अधूरी कच्ची सड़क पर दो से चार फुट पानी बह रहा है. दोनों नदियों के बाढ़ का पानी इस क्षेत्र से निकल कर पताही प्रखंड के देवापुर एवं जिहुली गांव की ओर जा रहा है. विभाग का अनुमान है कि बारिश की स्थिति यही रही तो ये नदियां भी आज रात तक उफना जायेंगी. जिलाधिकारी रमन कुमार ने संभावित बाढ़ को देखते हुए अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है. उनकी छुट्टियां भी रद्द कर दी है. किसी भी हालत में मुख्यालय नहीं छोड़ने का आदेश दिया है. इधर, संभावित बाढ़ और बारिश को देखते हुए उत्तर बिहार के सभी तटबंधों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. संवेदनशील स्थलों जहां पानी की धारा दबाव बनता है, वहां विशेष नजर रखी जा रही है.