कोर्ट ने जेएनयू से पूछा- निर्वाचित सदस्यों के बिल के लिए पहले क्या थी प्रक्रिया?
By भाषा | Published: March 14, 2019 05:55 PM2019-03-14T17:55:19+5:302019-03-14T17:55:19+5:30
अदालत जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें निर्वाचित पदाधिकारियों को अपने-अपने निजी चुनावी खर्चे का अलग-अलग बिल नहीं प्रदान करने के कारण अधिसूचित नहीं करने और उन्हें उनके कार्यों से रोकने के विश्वविद्यालय के फैसले को चुनौती दी गयी है ।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से पूछा कि वह 2018 के पहले विश्वविद्यालय के छात्र संघ के निर्वाचित सदस्यों के चुनावी खर्चे के लिए प्रक्रिया का विवरण क्यों नहीं दे रहा है ।
न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने कहा, ‘‘आपने (विश्वविद्यालय) बताया नहीं कि पूर्व के वर्षों में क्या प्रक्रिया अपनायी गयी।’’
अदालत ने जेएनयू से पिछले वर्षों में अपनायी गयी प्रक्रिया से वाकिफ कराने को कहा था। अदालत जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें निर्वाचित पदाधिकारियों को अपने-अपने निजी चुनावी खर्चे का अलग-अलग बिल नहीं प्रदान करने के कारण अधिसूचित नहीं करने और उन्हें उनके कार्यों से रोकने के विश्वविद्यालय के फैसले को चुनौती दी गयी है ।
अदालत ने पूछा, ‘‘आप (विश्वविद्यालय) उन्हें अधिसूचित नहीं कर रहे। आप उन्हें काम नहीं करने दे रहे। क्या चल रहा है।’’ याचिका में जेएनयूएसयू के पदाधिकारियों को निर्वाचित घोषित करने की मांग को लेकर जेएनयू को निर्देश देने की मांग की गयी है ।