हरियाणा: 22 साल बाद हुए छात्र संघ चुनाव, अधिकतर पार्टियों ने किया बहिष्कार
By भाषा | Published: October 18, 2018 02:35 PM2018-10-18T14:35:20+5:302018-10-18T14:35:20+5:30
अप्रत्यक्ष चुनाव व्यवस्था में, कॉलेज में कक्षा प्रतिनिधि चुने जाते हैं जबकि विश्वविद्यालयों में विभाग प्रतिनिधियों का चुनाव होता है। इसके बाद वे छात्र संघों के पदाधिकारियों का चुनाव करते हैं।
हरियाणा में 22 साल के बाद छात्र संघ के चुनाव हुए लेकिन एबीवीपी को छोड़कर प्रमुख छात्र संगठनों ने चुनाव के ‘अप्रत्यक्ष’ होने का विरोध करते हुए इनका बहिष्कार किया।
पुलिस ने कुरूक्षेत्र में 70 से ज्यादा प्रदर्शनकारी छात्रों को हिरासत में लिया। इस तरह के प्रदर्शनों की खबर राज्य के अन्य हिस्सों से भी आईं।
अप्रत्यक्ष चुनाव व्यवस्था में, कॉलेज में कक्षा प्रतिनिधि चुने जाते हैं जबकि विश्वविद्यालयों में विभाग प्रतिनिधियों का चुनाव होता है। इसके बाद वे छात्र संघों के पदाधिकारियों का चुनाव करते हैं।
शाम पांच बजे तक उपलब्ध परिणामों के मुताबिक, राज्य के 11 विश्वविद्यालयों में 1,108 कक्षा प्रतिनिधियों (सीआर) में से 517 को निर्विरोध चुन लिया गया। इसी तरह से कॉलेजों में 1,816 सीआर को निर्विरोध चुन लिया गया।
तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल ने हिंसा की घटनाओं के बाद 1996 में छात्र संघ चुनाव पर रोक लगा दी थी।
प्रदेश के शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि मतदान शांतिपूर्ण रहा।
एनएसयूआई और राष्ट्रीय लोक दल के भंग हो चुके छात्र संगठन इंडियन नेशनल स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन के 200 से ज्यादा छात्रों ने कुरूक्षेत्र में प्रदर्शन किया।