डेढ़ साल तक टॉयलेट में बंद महिला को कराया मुक्त, शरीर में सिर्फ हड्डियों का ढांचा बचा
By बलवंत तक्षक | Published: October 15, 2020 06:39 AM2020-10-15T06:39:27+5:302020-10-15T06:39:27+5:30
टॉयलट में बंद महिला को जब बाहर निकाला गया तो वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी. महिला को उसके पति ने ही मानिसक रूप से परेशान बताकर टॉयलेट में बंद कर रखा था.
हरियाणा में पानीपत के गांव रिसपुर में डेढ़ साल से टॉयलेट में बंद महिला को महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी ने मुक्त कराया. महिला को उसके पति ने ही मानिसक रूप से परेशान बताकर 35 वर्षीय पत्नी को टॉयलेट में बंद कर रखा था.
महिला की हालत टॉयलेट में रहने से इतनी खराब हो गई है कि वह उठकर चल भी नहीं सकती. शरीर में सिर्फ हिड्डयों का ढांचा रह गया है. सनौली थाने की पुलिस ने पति को गिरफ्तार कर लिया है. महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को मिली सूचना पर एक टीम का गठन किया गया.
टीम ने सनौली पुलिस के साथ गांव रिसपुर में नरेश के मकान में छापेमारी की. घर में पति नरेश मिला, जिसने पहले आनाकानी की, लेकिन जब टीम पहली मंजिल पर पहुंची और टॉयलेट की चाबी मंगाकर ताला खोला, तो टॉयलेट के अंदर उसकी पत्नी मिली.
पति का दावा है कि पत्नी मानिसक रूप से परेशान है, तीन साल से उसका इलाज चल रहा था. उससे परेशान होकर कमरे में बंद किया.सनौली थाने के प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस ने महिला एंव बाल संरक्षण अधिकारी रजनी गुप्ता की शिकायत पर पति के खिलाफ 498 ए और 342 के तहत केस दर्ज कर लिया है.
पति को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है. महिला का आज मेडिकल जांच कराया गया. अधिकारी ने बताया कि महिला की 17 साल पहले शादी हुई थी. उसकी 15 वर्षीय बेटी है. एक बेटा 11 और दूसरा 13 साल का है. हैरानी की बात यह है कि पिता उनके सामने मां को पीटता था. भूखा- प्यासा टॉयलेट में बंद रखा था, लेकिन उन्होंने कभी विरोध नहीं किया.