हरियाणा विधानसभा में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के सम्मान में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 25, 2025 23:07 IST2025-08-25T23:07:47+5:302025-08-25T23:07:56+5:30

हरियाणा विधानसभा ने आज श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव हरियाणा विधानसभा के चल रहे मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी द्वारा प्रस्तुत किया गया।

Haryana Assembly unanimously passed a resolution in honour of the 350th martyrdom day of Shri Guru Teg Bahadur Sahib Ji | हरियाणा विधानसभा में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के सम्मान में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित

हरियाणा विधानसभा में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के सम्मान में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित

Highlightsमुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रस्तुत किया प्रस्ताव

हरियाणा विधानसभा ने आज श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव हरियाणा विधानसभा के चल रहे मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी द्वारा प्रस्तुत किया गया।

मुख्यमंत्री ने श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इस वर्ष नौवें सिख गुरु और 'हिंद की चादर', श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी जयंती है। सदन ने श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान के प्रति गहरी श्रद्धा व्यक्त की और इस ऐतिहासिक अवसर को गरिमा और भावपूर्ण तरीके से मनाने का संकल्प भी लिया।

प्रस्ताव पढ़ते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी द्वारा आस्था और अंतःकरण की स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा के लिए नवंबर 1675 में, दिल्ली के चांदनी चौक में दिए गए उनके जीवन के सर्वोच्च बलिदान का स्मरण करता है। उनके अनुयायी भाई मती दास जी को जीवित ही आरे से काटा गया, भाई सती दास जी को रुई में लपेटकर जला दिया गया तथा भाई दयाला जी को गर्म पानी की कढ़ाही में जिंदा उबाला गया था। उन्होंने अटूट विश्वास के साथ शहादत को गले लगाया। यह बलिदान उनके साहस और धर्म के प्रति दृढ़ निष्ठा का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि यह सदन यह भी स्मरण करता है कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने अपना जीवन मानवता की गरिमा और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए न्यौछावर किया था। कश्मीरी पंडित जबरन धर्म परिवर्तन पर जब गुरु साहिब से मदद की गुहार लगाने   श्री आनंदपुर साहिब आए, तब गुरु साहिब ने अपने प्राणों का बलिदान देकर धर्म की रक्षा का निर्णय लिया ताकि वे सम्मान के साथ जी सकें और अपनी आस्था की रक्षा कर सकें।

सौभाग्य से, श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का हरियाणा की भूमि से गहरा जुड़ाव रहा। अपनी यात्राओं के दौरान गुरु साहिब ने कुरुक्षेत्र, पिहोवा, कैथल, जींद, अंबाला, चीका और रोहतक में आकर इस भूमि को पवित्र किया और सत्य, सहनशीलता और निर्भयता का शाश्वत संदेश दिया। इन स्थानों पर स्थित पवित्र गुरुद्वारे, जैसे कि जींद में गुरुद्वारा श्री धमतान साहिब और गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब और अंबाला में गुरुद्वारा श्री शीशगंज साहिब, उनके आशीर्वाद और शिक्षाओं की हमें याद दिलाते हैं।

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह सदन भाई जैता जी की विशेष भूमिका को कृतज्ञता पूर्वक याद करता है। उन्होंने बेमिसाल वीरता के साथ श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के शीश को दिल्ली से  श्री आनंदपुर साहिब तक पहुँचाया था। ऐतिहासिक विवरण इस बात की पुष्टि करते हंय कि इस पवित्र यात्रा के दौरान, भाई जैता जी हरियाणा के विभिन्न हिस्सों से होकर गए थे। इनमें सोनीपत के पास गांव बड़खालसा, करनाल और अम्बाला शामिल हैं। उस समय उन्हें लोगों का भारी समर्थन प्राप्त हुआ। इससे गुरु साहिब की शहादत की विरासत के साथ हरियाणा का एक स्थायी संबंध स्थापित होता है।

उन्होंने कहा कि यह सदन सोनीपत जिला के गांव बड़खालसा के शहीद कुशाल सिंह दहिया जी के सर्वोच्च बलिदान को भी याद करता है। जैसा कि इतिहास में दर्ज है श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के शीश को ले जाते हुए जब भाई जैता जी को बड़खालसा गांव में मुगल सेना ने घेर लिया था, तब श्री कुशाल सिंह दहिया जी ने मुगल सैनिकों को भ्रमित करने के लिए अपना शीश अर्पित कर दिया। इसके फलस्वरूप ही श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के पवित्र शीश को श्री आनंदपुर साहिब तक सुरक्षित ले जाया जा सका। यह सदन शहीद कुशाल सिंह दहिया जी के सर्वोच्च बलिदान का स्मरण करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी, भाई मती दास जी, भाई सती दास जी, भाई दयाला जी और श्री कुशाल सिंह दहिया जी की शहादत न केवल हमारे राष्ट्रीय इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय है, बल्कि अत्याचार और उत्पीड़न के विरुद्ध प्रतिरोध का एक शाश्वत और सार्वभौमिक प्रतीक भी है। उनका यह अद्वितीय साहस मानवता को न्याय, सत्य और धर्म के प्रति अडिग रहने के लिए प्रेरित करता रहता है।

सदन का मानना है कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के बलिदान के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में उनकी अमर शिक्षाओं को हरियाणा प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाने की आवश्यकता है ताकि प्रदेश में आपसी सहयोग और भाईचारे की गौरवपूर्ण परंपरा अटूट रहे।

Web Title: Haryana Assembly unanimously passed a resolution in honour of the 350th martyrdom day of Shri Guru Teg Bahadur Sahib Ji

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