हरियाणा विधानसभा चुनाव: तेजी से बढ़ने लगा कांग्रेस का कुनबा, बीजेपी की तरफ भागते नेताओं की रोकी रफ्तार
By बलवंत तक्षक | Published: September 17, 2019 06:47 PM2019-09-17T18:47:10+5:302019-09-17T18:47:10+5:30
इस सीट से फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्नी भजन लाल की पुत्नवधु रेणुका बिश्नोई कांग्रेस की विधायक हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या रेणुका की सीट बदली जाएगी? पिहोवा क्षेत्न से चार बार विधायक रहे पूर्व मंत्नी स्व. जसविंदर सिंह संधू के बेटे गगनजीत सिंह संधू के कांग्रेस में शामिल होने को भी एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है.
हरियाणा में नेतृत्व परिवर्तन के साथ ही कांग्रेस का कुनबा तेजी से बढ़ने लगा है. कांग्रेस ने एक ही झटके में सत्तारूढ़ भाजपा की तरफ भागते नेताओं की रफ्तार रोक दी है. अपने-अपने इलाके में मजबूत जनाधार वाले कई नेताओं को कांग्रेस अपनी तरफ खींचने में कामयाब रही है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा और पूर्व मुख्यमंत्नी भूपेंद्र हुड्डा की सबसे बड़ी सफलता इनेलो के पंद्रह साल तक प्रदेश अध्यक्ष रहे अशोक अरोड़ा को पार्टी में शामिल करना है. अशोक अरोड़ा कुरुक्षेत्न जिले की थानेसर सीट से चार बार विधायक रहे हैं.
चौटाला सरकार में विधानसभा अध्यक्ष और परिवहन मंत्नी रहे अरोड़ा इनेलो में एकमात्न बड़ा पंजाबी चेहरा थे. हाल ही में उन्होंने इनेलो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए पार्टी को भरे मन से अलविदा कह दिया था. अरोड़ा ने इनेलो छोड़ते हुए कहा था कि आज का समय क्षेत्नीय दलों का नहीं, राष्ट्रीय पार्टियों का है. जब तक वे राजनीति में सक्रिय रहेंगे, कांग्रेस में ही रहेंगे.
थानेसर सीट पर जीत के लिए कांग्रेस और अरोड़ा, दोनों को ही एक-दूसरे की जरूरत है. हांसी क्षेत्न से इनेलो के विधायक रहे पूर्व मंत्नी सुभाष गोयल भी कांग्रेस में आ गए हैं.
इस सीट से फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्नी भजन लाल की पुत्नवधु रेणुका बिश्नोई कांग्रेस की विधायक हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या रेणुका की सीट बदली जाएगी? पिहोवा क्षेत्न से चार बार विधायक रहे पूर्व मंत्नी स्व. जसविंदर सिंह संधू के बेटे गगनजीत सिंह संधू के कांग्रेस में शामिल होने को भी एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. संधू के आकस्मिक निधन से पिहोवा सीट अभी खाली थी.
कालका क्षेत्न से दो बार विधायक रहे प्रदीप चौधरी ने भी कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. पूर्व केंद्रीय मंत्नी जयप्रकाश उर्फ जेपी ने भी कांग्रेस में आस्था जाहिर की है. जेपी इस समय कलायत क्षेत्न से आजाद विधायक हैं. जेपी पहले कांग्रेस में ही थे, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ मतभेदों के चलते उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी. सुरजेवाला और जेपी के रिश्ते अब फिर से ठीक हो गए हैं.
ऐसी भी चर्चाएं हैं कि पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा भी जल्दी ही अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस का दामन थाम लेंगे. उल्लेखनीय है कि 2014 के विधानसभा चुनाव में इनेलो के कुल 19 विधायक चुनाव जीते थे, लेकिन अब इस पार्टी में तीन विधायक ही हैं. अभय सिंह चौटाला, ओमप्रकाश और वेद नारंग ही हैं.
टिकट की गारंटी पर कांग्रेस का थामा है दामन
इनेलो के टूट के बाद से ही कई वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़कर दूसरे दल में शामिल हो रहे हैं. दल बदलने का सिलसिला लोकसभा चुनाव के समय से ही चल रहा है. इनेलो के दस विधायक अब तक भाजपा में शामिल हो चुके हैं. पूर्व मंत्री अशोक अरोरा सहित कई नेता अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. इन नेताओं के बारे में बताया जा रहा है कि पार्टी इन्हें टिकट अवश्य देगी, क्योंकि टिकट की गारंटी पर ही इन्होंने कांग्रेस का दामन थामा है.
तीन बार सांसद रह चुके जेपी फिलहाल कलायत से निर्दलीय विधायक हैं. पिछले पांच साल से वे पूर्व मुख्यमंत्नी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ जमे हुए हैं. हुड्डा को पार्टी की कमान मिलने के बाद जब जेपी को यह विश्वास हो गया कि अब उन्हें कांग्रेस का टिकट मिल जाएगा. इसके बाद ही वह पार्टी में शामिल हुए.