पूर्व IAS अधिकारी और मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर के घर-दफ्तर पर ईडी का छापा, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है मामला
By विनीत कुमार | Published: September 16, 2021 02:12 PM2021-09-16T14:12:58+5:302021-09-16T14:27:50+5:30
हर्ष मंदर ने कई पुस्तक लिखी हैं और सामाजिक कार्यों के अलावा वह सामाजिक न्याय और मानवाधिकार जैसे विषयों पर समाचार पत्रों में संपादकीय भी लिखते हैं। उनके जर्मनी रवाना होने के कुछ घंटों बाद ये छापेमारी हुई है।
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को पूर्व आईएएस अधिकारी और मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर से जुड़े तीन ठिकानों पर छापेमारी की। रिपोर्ट के अनुसार ईडी ने सुबह 8 बजे छापेमारी शुरू की। ये छापेमारी इस साल फरवरी में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज कराए गए एक प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच से जुड़ी है।
ये एफआईआर सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज(सीएसई) के खिलाफ दर्ज की गई थी। यह संस्थान मंदर चलाते हैं और वह इसके निदेशक भी हैं। छापेमारी मंदर के दिल्ली के वसंत कुंज में स्थित घर और उनके अधचिनी में सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज कार्यालय में की गई। साथ ही दो चिल्ड्रेन होम पर भी छापेमारी हुई जो मंदर के एनजीओ द्वारा संचालित किया जाता है।
मंदर ने कई पुस्तक लिखी हैं और सामाजिक कार्यों के अलावा वह सामाजिक न्याय और मानवाधिकार जैसे विषयों पर समाचार पत्रों में संपादकीय भी लिखते हैं।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के रजिस्ट्रार की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 83 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
ये मामले सीएसई द्वारा दक्षिण दिल्ली में स्थापित उम्मीद अमन घर और खुशी रेनबो होम से जुड़े हैं। मंदर और उनकी पत्नी के जर्मनी जाने के कुछ घंटों बाद ही ये छापे मारे गए हैं। उन्होंने बर्लिन में रॉबर्ट बॉश अकादमी में छह महीने की फेलोशिप ली है।
बताया जा रहा है कि जब वसंत कुंज में घर पर छापा पड़ा तो हर्ष मंदर की बेटी और दामाद मौजूद थे। बहरहाल इस छापेमारी की आलोचना भी विपक्ष की ओर से हो रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि मंदर सबसे ईमानदार अधिकारी रहे हैं और उन्होंने गरीबों के लिए काम करने के लक्ष्य से आईएएस से इस्तीफा दिया था।
(भाषा इनपुट)