हरिद्वार हेट स्पीच मामले में दूसरी एफआईआर दर्ज, यति नरसिम्हानंद सहित 10 लोगों के नाम

By विशाल कुमार | Published: January 3, 2022 02:31 PM2022-01-03T14:31:33+5:302022-01-03T14:35:31+5:30

हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में 16-19 दिसंबर के दौरान धर्मसंसद में वक्ताओं ने कथित रूप से मुसलमानों के विरूद्ध भड़काऊ भाषण दिया था। विपक्षी दलों के साथ आम लोगों ने भी इस पर आपत्ति जताई और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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हरिद्वार हेट स्पीच मामले में दूसरी एफआईआर दर्ज, यति नरसिम्हानंद सहित 10 लोगों के नाम

Highlightsहरिद्वार में 16-19 दिसंबर को धर्म संसद में मुसलमानों के विरूद्ध भड़काऊ भाषण दिया गया था।मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शुक्रवार और शनिवार को देहरादून और हरिद्वार में विरोध मार्च निकाला।रविवार को एक पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का भी गठन किया गया था।

देहरादून: उत्तराखंड स्थित हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ की गई नफरती और भड़काऊ भाषणबाजी करने पर यति नरसिम्हानंद और सिंघू सागर सहित 10 लोगों के खिलाफ एक दूसरी एफआईआर दर्ज की गई है। शनिवार को दोनों का नाम पहली एफआईआर में शामिल किया गया था।

हरिद्वार के ही रहने वाले नदीम अली की शिकायत पर रविवार को ज्वालापुर पुलिस स्टेशन में दूसरी एफआईआर दर्ज की गई। ज्वालापुर के सब-इंस्पेक्टर निरेश शर्मा ने कहा कि दूसरी एफआईआर को भी सिटी पुलिस स्टेशन स्थानांतरित कर दिया गया जहां पर पहली एफआईआर दर्ज की गई है।

अधिकारी ने बताया कि दूसरे एफआईआर में शामिल दस लोगों में कार्यक्रम के आयोजक यति नरसिंहानंद, जितेंद्र नारायण त्यागी (पहले वसीम रिजवी) सिंघू सागर, धर्मदास, परमानंद, साध्वी अन्नपूर्णा, आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण और प्रबोधानंद गिरी शामिल हैं। 

बता दें कि, मामले की जांच के लिए रविवार को एक पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का भी गठन किया गया था। एसआईटी का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक स्तर का एक अधिकारी करेगा और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में 16-19 दिसंबर के दौरान धर्मसंसद में वक्ताओं ने कथित रूप से मुसलमानों के विरूद्ध भड़काऊ भाषण दिया था। विपक्षी दलों के साथ आम लोगों ने भी इस पर आपत्ति जताई और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

वहीं, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शुक्रवार और शनिवार को देहरादून और हरिद्वार में विरोध मार्च निकाला और मुसलमानों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले और भड़काऊ भाषण देने वालों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।

पहली एफआईआर में धारा 153-ए (धर्म, नस्ल, जन्मस्थान, आवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाना) के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 295 (पूजा स्थल या किसी पवित्र वस्तु को नुकसान पहुंचाना) भी जोड़ी गयी है।

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