पाटीदार नेता हार्दिक पटेल कांग्रेस में हुए शामिल, यहां से लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव
By रामदीप मिश्रा | Published: March 12, 2019 04:18 PM2019-03-12T16:18:40+5:302019-03-12T16:19:00+5:30
कांग्रेस कोर समिति की सदस्य गीता पटेल का कहना है कि हार्दिक अमरेली, मेहसाणा या जामनगर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि अभी कुछ तय नहीं हुआ है। चूंकि वह कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं तो अब पार्टी ही सीट के बारे में निर्णय लेगी।
गुजरात के पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के नेता हार्दिक पटेल ने मंगलवार (12 मार्च) को कांग्रेस का दामन थाम लिया। उनका कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्वागत किया। इससे पहले अहमदाबाद में हुई कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई सीडब्ल्यूसी की बैठक में भी हार्दिक पटेल शामिल हुए थे। राजद्रोह के आरोपों से घिरे और जमानत पर चल रहे हार्दिक पटेल ने घोषणा की थी कि वह गुजरात से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
कांग्रेस कोर समिति की सदस्य गीता पटेल का कहना है कि हार्दिक अमरेली, मेहसाणा या जामनगर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि अभी कुछ तय नहीं हुआ है। चूंकि वह कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं तो अब पार्टी ही सीट के बारे में निर्णय लेगी।
हार्दिक पटेल शिक्षा और नौकरियों में अपने समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर गुजरात में हुए जबरदस्त प्रदर्शन के बाद सुर्खियों में आये थे। दिसंबर 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले हार्दिक ने कांग्रेस के प्रति अपने समर्थन की घोषणा की थी।
पटेलों को आरक्षण देने की मांग को लेकर साल 2015 में हार्दिक पटेल ने अपने आंदोलन की शुरुआत की थी। इसी आंदोलन ने उन्हें बतौर नेता गुजरात में स्थापित किया। गुजरात के विभिन्न थानों में उन पर 56 केस दर्ज हैं। विसनगर में हुई रैली के बाद गुजरात के कुछ जगहों में हिंसा भड़क उठी थी जिसमें 14 लोगों की मौत हुई थी।
इसी मामले में पिछले साल विसनगर कोर्ट ने हार्दिक पटेल को दो साल की सजा सुनाई थी। इस मामले में अभी वो बेल पर बाहर हैं। उनके समर्थक ये मानते हैं कि हार्दिक के प्रभाव की वजह से ही भाजपा को गुजरात में चुनाव से पहले आनंदीबेन पटेल को सीएम पद से हटाना पड़ा था।
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति की कमान संभालने के बाद चर्चा में आए हार्दिक पटेल की चाहत राष्ट्रीय स्तर पर कुर्मी नेता के तौर पर स्थापित होने की है। पिछले दो सालों से हार्दिक पटेल विभिन्न राज्यों के दौरे कर रहे हैं और कुर्मी समाज को एकजुट करने का आह्वान कर रहे हैं।