राजस्थान में बीजेपी ने बड़ा दांव खेल RLP से किया गठबंधन, जाट नेता हनुमान बेनीवाल को नागौर सीट से मैदान में उतारा
By रामदीप मिश्रा | Published: April 4, 2019 11:28 AM2019-04-04T11:28:05+5:302019-04-04T11:29:15+5:30
बीजेपी ने गुरुवार को जयपुर स्थित पार्टी के मुख्यालय पर आरएलपी के साथ संयुक्त प्रेसवार्ता की, जिसमें गठबंधन का ऐलान किया गया। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री एवं बीजेपी के लोकसभा चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी और हनुमान बेनीवाल मौजूद थे।
लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राजस्थान में बड़ा दांव खेला है। दरअसल, पार्टी ने सूबे के विधानसभा चुनाव से पहले अस्तित्व में आई राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) से गुरुवार (4 अप्रैल) को गठबंधन कर लिया। अब पार्टी के संयोजक व खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल को नागौर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाने का ऑफर दे दिया।
बीजेपी ने गुरुवार को जयपुर स्थित पार्टी के मुख्यालय पर आरएलपी के साथ संयुक्त प्रेसवार्ता की, जिसमें गठबंधन का ऐलान किया गया। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री एवं बीजेपी के लोकसभा चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी और हनुमान बेनीवाल मौजूद थे।
बीजेपी से गठबंधन करने के बाद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि लोग बीजेपी के साथ आकर चुनाव लड़ने के लिए कह रहे थे। अब नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए खड़े हो गए हैं। हमारे लिए देशहित सर्वोपरि रहा है। वहीं, प्रकाश जावड़ेकर का कहना था कि हनुमान बेनीवाल आरएलपी के प्रत्याशी के तौर पर नागौर सीट से चुनाव लड़ेंगे। बाकि सभी सीटों पर बीजेपी अपने उम्मीदवार उतारेगी।
आपको बता दें, कि हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 29 अक्टूबर को एक बड़ी रैली कर नया दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की घोषणा की थी। इस दौरान उन्होंने जयपुर के युवाओं को अपनी ताकत दिखाई थी। इस दौरान उनके साथ बीजेपी छोड़कर भारत वाहिनी पार्टी बनाने वाले राजस्थान के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी भी रैली में शामिल हुए थे।
विधायक हनुमान बेनीवाल को राजस्थान की राजनीति में एक किसान और जाट नेता के रूप में देखा जाता है। बेनीवाल विधानसभा सत्र के दौरान अक्सर किसान और मजदूरों की बात करते नजर आए हैं। शेखावटी व नागौर क्षेत्र में बेनीवाल जमीन पर अच्छी पकड़ रखते हैं। किसानों के लिए वह सड़क से लेकर विधानसभा तक आंदोलन करते रहे हैं। इस दौरान अधिकतर उनके आंदोलनों में भारी भीड़ देखी गई।