यूपी में 'हलाल' सर्टिफिकेशन बनेगा 'हराम', योगी सरकार प्रतिबंध पर कर रही है विचार
By रुस्तम राणा | Published: November 18, 2023 05:00 PM2023-11-18T17:00:19+5:302023-11-18T17:00:19+5:30
शनिवार को हजरतगंज थाने में हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट, दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया, मुंबई और जमीयत उलेमा महाराष्ट्र के अलावा कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य में हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। राज्य में तेल, साबुन और टूथपेस्ट जैसे हलाल-प्रमाणित शाकाहारी उत्पादों की बिक्री पर ध्यान देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कार्रवाई करने को कहा है। सीएम योगी के निर्देश पर लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में विभिन्न उत्पादों को हलाल सर्टिफिकेट देने वाली संस्थाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
शनिवार को हजरतगंज थाने में हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट, दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया, मुंबई और जमीयत उलेमा महाराष्ट्र के अलावा कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। एफआईआर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी, 153ए, 298, 384, 420, 467, 468 और 505 के तहत दर्ज की गई है।
शैलेन्द्र शर्मा नाम के व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में यह आरोप लगाया गया है कि ये संस्थाएं अवैध रूप से एक विशेष धर्म के ग्राहकों को हलाल प्रमाणपत्र के साथ कुछ उत्पाद बेच रही हैं और पैसा कमा रही हैं। एफआईआर में शिकायतकर्ता ने कहा कि इन संस्थानों को किसी भी उत्पाद को ऐसे सर्टिफिकेट देने का कोई अधिकार नहीं है। आरोप है कि ये संस्थाएं फर्जी तरीके से हलाल सर्टिफिकेट तैयार कर आर्थिक लाभ उठा रही हैं।
शिकायतकर्ता ने आशंका जताई है कि इन संस्थाओं द्वारा एक बड़ी साजिश रची जा रही है और इस कारोबार से आने वाले पैसे का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में किया जा रहा है। यूपी सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि सीएम योगी ने इस अवैध गतिविधि पर कड़ा संज्ञान लिया है और अधिकारियों से कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।
उन्होंने कहा कि हलाल सर्टिफिकेट देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ रहा है और देश विरोधी ताकतों को फायदा पहुंचा रहा है। इस तरह के अवैध प्रमाणीकरण से उन कंपनियों के उत्पादों की बिक्री पर असर पड़ रहा है जिनके पास यह लेबल नहीं है। प्रवक्ता ने कहा कि उन शाकाहारी उत्पादों को हलाल सर्टिफिकेट मुहैया कराया जा रहा है, जिन्हें इसकी बिल्कुल भी जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार आईएसआई और एफएसएसएआई जैसी संस्थाओं को ही खाद्य उत्पादों को गुणवत्ता प्रमाणन प्रदान करने के लिए अधिकृत किया जा रहा है और किसी को नहीं। योगी सरकार की इस कार्रवाई के बाद खाद्य एवं औषधि प्राधिकरण (एफडीए) के अधिकारियों को राज्य में हलाल सर्टिफिकेट वाले उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के तरीके तलाशने को कहा गया है।