वाराणसीः ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े सभी मामलों की अब एक साथ होगी सुनवाई, जिला अदालत ने सभी 8 मामलों को क्लब करने का आदेश दिया
By अनिल शर्मा | Published: May 23, 2023 12:39 PM2023-05-23T12:39:24+5:302023-05-23T13:02:00+5:30
Gyanvapi mosque matter: ज्ञानवापी मस्जिद के पूरे परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने का आग्रह करते हुए वाराणसी की जिला अदालत में दायर याचिका पर मुस्लिम पक्ष ने सोमवार को अपनी आपत्ति दाखिल करायी। जिस पर 7 जुलाई को सुनावई होगी।
Gyanvapi mosque matter: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई अब एक साथ की जाएगी। वाराणसी जिला न्यायालय ने मंगलवार सभी मामलों को क्लब करने का आदेश दिया। न्यायालय ने कहा कि सभी आठ मामलों की सामूहिक रूप से सुनवाई की जाएगी। अब एक ही कोर्ट में ज्ञानवापी मामले से जुड़े सभी मामलों की एक साथ सुनवाई होगी।
ज्ञानवापी मस्जिद के पूरे परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने, परिसर में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग, मस्जिद परिसर के अंदर स्थित मां श्रृंगार गौरी स्थल पर नियमित पूजा के अधिकार की मांग समेत अन्य याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद के पूरे परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने का आग्रह करते हुए वाराणसी की जिला अदालत में दायर याचिका पर मुस्लिम पक्ष ने सोमवार को अपनी आपत्ति दाखिल करायी। जिस पर 7 जुलाई को सुनावई होगी। ज्ञानवापी और आदि विश्वेश्वर मामलों के विशेष अधिवक्ता राजेश मिश्रा ने बताया कि अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी को 19 मई को ही वाराणसी के जिला अदालत में पूरे ज्ञानवापी परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से सर्वे कराने के आदेश देने के आग्रह वाली याचिका पर अपनी आपत्ति दाखिल करनी थी लेकिन उसी दिन ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग को लेकर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के चलते आपत्ति दर्ज नहीं हो पाई थी।
ज्ञातव्य है गत 16 मई को वाराणसी की जिला अदालत ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के पूरे परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वेक्षण कराने का आग्रह करने वाली याचिका सुनवाई के लिये मंजूर कर ली थी। विदित हो कि अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने स्थानीय अदालत में एक याचिका दायर की थी जिसमें मस्जिद परिसर के अंदर स्थित मां श्रृंगार गौरी स्थल पर नियमित पूजा के अधिकार की मांग की गई थी।
अप्रैल 2022 में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। मुस्लिम पक्ष के विरोध के बीच सर्वेक्षण अंततः मई 2022 में पूरा हुआ था। इसी दौरान हिंदू पक्ष ने मस्जिद परिसर के अंदर वजू के लिए बने तालाब में ‘शिवलिंग’ मिलने का दावा किया था, वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हिंदू पक्ष की याचिका पर गत 12 मई को इस कथित शिवलिंग का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था, मगर उच्चतम न्यायालय ने 19 मई को इस आदेश पर रोक लगा दी थी। अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुने बगैर की जाने वाली किसी भी कार्रवाई को जल्दबाजी मानते हुए अपने अगले आदेश तक निचली अदालत के आदेश पर अमल नहीं करने को कहा था।