‘गुपकर गैंग’ जम्मू कश्मीर को फिर से आतंक के युग में ले जाना चाहता है : शाह

By भाषा | Published: November 17, 2020 07:47 PM2020-11-17T19:47:35+5:302020-11-17T19:47:35+5:30

'Gupkar gang' wants to bring Jammu Kashmir back into the era of terror: Shah | ‘गुपकर गैंग’ जम्मू कश्मीर को फिर से आतंक के युग में ले जाना चाहता है : शाह

‘गुपकर गैंग’ जम्मू कश्मीर को फिर से आतंक के युग में ले जाना चाहता है : शाह

नयी दिल्ली/श्रीनगर, 17 नवंबर जम्मू कश्मीर में स्थानीय निकाय के चुनावों से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) को “नापाक वैश्विक गठजोड़” करार दिया जो कांग्रेस के साथ आतंक और अशांति के दौर की वापसी चाहता है।

उनके इस बयान पर कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई और टिप्पणी को निराधार बताते हुए इन दलों ने मंत्री पर निशाना साधा।

एक के बाद एक कई ट्वीट कर शाह ने पीएजीडी को “गुपकर गैंग” करार दिया और आरोप लगाया कि वह जम्मू कश्मीर में विदेशी ताकतों का हस्तक्षेप चाहता है।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस और गुपगर गैंग जम्मू कश्मीर को आतंक और अशांति के युग में वापस ले जाना चाहते हैं। अनुच्छेद 370 को हटाकर हमने वहां के दलितों, महिलाओं और आदिवासियों को जो अधिकार प्रदान किए हैं उसे वे वापस लेना चाहते हैं। यही कारण है कि उन्हें देश की जनता हर जगह से खारिज कर रही है।”

शाह का यह बयान जिला विकास परिषद के 25 नवंबर को होने वाले पहले चरण के चुनावों से पहले आया है। केंद्र द्वारा पिछले साल पांच अगस्त को राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू कश्मीर और लद्दाख- में विभाजित करने के फैसले के बाद राज्य में यह पहली राजनीतिक कवायद है।

शाह ने जोर देकर कहा कि जम्मू एवं कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत की जनता राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बने ‘नापाक गठबंधन’ को बर्दाश्त नहीं करेगी। गुपकर गैंग या तो राष्ट्रीय भावना के अनुरूप चले, नहीं तो देश की जनता उसे डुबो देगी।’’

उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से पीएजीडी के कदमों पर पार्टी का रुख साफ करने को कहा।

उन्होंने कहा, “गुपकर गैंग ने भारत के तिरंगे का भी अपमान किया है। क्या सोनिया जी और राहुल जी गुपकर गैंग के ऐसे कदमों का समर्थन करते हैं? उन्हें भारत के लोगों के सामने अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।”

कांग्रेस ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि इस मामले में शाह का बयान ‘भ्रामक, शरारतपूर्ण और सरासर झूठ’ है। ट्विटर पर जारी दो पन्नों के बयान में पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने शाह पर जम्मू कश्मीर को लेकर शरारतपूर्ण वक्तव्य देने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी भी कश्मीर मामले में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप के पक्ष में नहीं थी और वह देश की अस्मिता, अखंडता और तिरंगे को लेकर प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, “अमित शाह और मोदी सरकार को राष्ट्रवाद पर एक नए सबक की जरूरत हो सकती है क्योंकि उनकी पितृ संस्था आरएसएस ने आजादी के 52 वर्षों बाद तक अपने मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराया था।”

सुरजेवाला के मुताबिक भाजपा महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी की बिना यह सोचे-समझे आलोचना कर रही है कि 2014 के बाद वे सत्ता में साझेदार थे।

कांग्रेस नेता ने शाह से यह भी पूछा कि भाजपा सरकार जम्मू-कश्मीर की जेल से कुख्यात आतंकवादी, मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद ज़रगर व अहमद उमर सईद शेख को रिहा करके क्यों आई थी?’’

श्रीनगर में जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) ने कहा कि पार्टी न तो पीएजीडी का हिस्सा थी और न ही उनकी किसी बैठक या चर्चा में शामिल हुई थी।

बयान में कहा गया, “कांग्रेस पार्टी ने कुछ जगहों पर सीटों को लेकर समझौता किया है, वह भी स्थानीय जिला स्तर पर।” इसमें कहा गया कि पार्टी “निराधार आरोपों” की कड़ी निंदा करती है और उनसे “ओछी राजनीति” करने से बचने का अनुरोध करती है।

जममू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने शाह के आरोपों की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि सियासी गठबंधन के स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने और भाजपा व उसके सहयोगियों को खुली छूट नहीं देने का फैसला गृह मंत्री की “कुंठा” की वजह है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ हम गैंग नहीं हैं अमितशाह जी, हम वैध राजनीतिक गठबंधन हैं जिसने चुनाव लड़े हैं और लड़ते रहेंगे और यही बात आपको परेशान कर रही है।’’

नवगठित ‘‘जम्मू एवं कश्मीर अपनी पार्टी’’ पर परोक्ष प्रहार करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ मैं माननीय गृहमंत्री के इस हमले के पीछे की कुंठा समझ सकता हूं। उन्हें बताया गया था कि यह गठबंधन चुनाव का बहिष्कार करने की तैयारी कर रहा है। इससे भाजपा और नवगठित दल को खुला मैदान मिल जाता। हमने उनकी उम्मीदें पूरी नहीं की।’’

उन्होंने कहा कि केवल जम्मू कश्मीर के नेताओं को चुनाव में हिस्सा लेने एवं लोकतांत्रिक प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए हिरासत में लिया जा सकता है और राष्ट्र-विरोधी कहा जा सकता है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ सच्चाई यह है कि जो भी भाजपा की विचाराधारा का विरोध करता है, उसे भ्रष्ट और राष्ट्रविरोधी करार दिया जाता है।’’

वहीं, महबूबा ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा, “खुद को मसीहा और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को देश का दुश्मन की तरह पेशकर भारत को बांटने के भाजपा के हथकंडे का अनुमान लगाया जा सकता है।”

उन्होंने कहा, ‘‘बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई (जैसे मुद्दों) के स्थान पर लव जेहाद, टुकड़े-टुकड़े और अब गुपकर गैंग राजनीतिक विमर्श में हावी हो गया है। ’’

पीडीपी प्रमुख ने सवाल किया कि क्या गठबंधन में चुनाव लड़ना भी अब राष्ट्रविरोधी हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता की अपनी भूख में भाजपा कई गठबंधन कर सकती है लेकिन एकजुट मंच बनाकर हम किस तरह राष्ट्रीय हितों को कमजोर कर रहे हैं।’’

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पुरानी आदतों से छुटकारा पाना आसान नहीं होता। पहले भाजपा ने यह विमर्श चलाया कि टुकड़े टुकड़े गैंग ने भारत की संप्रभुता को धमकी दी है और अब वे ‘गुपकर गैंग’ आक्षेप से हमें राष्ट्रविरोधी साबित करना चाहते हैं। विडंबना है कि भाजपा खुद सरेआम संविधान का उल्लंघन करती है। ’’

केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 को रद्द करने की घोषणा करने से एक दिन पहले चार अगस्त 2019 को भाजपा को छोड़कर कश्मीर के राजनीतिक दलों की एक बैठक नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला के श्रीनगर में गुपकर रोड स्थित घर पर हुई थी और अनुच्छेद 370 की रक्षा के लिये इसमें एक घोषणापत्र जारी किया गया था।

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