भुखमरी पर काबू पाने में गुजरात निकला फिसड्डी, आर्थिक विकास में भी पिछड़ा!

By महेश खरे | Published: January 4, 2020 09:13 AM2020-01-04T09:13:51+5:302020-01-04T09:13:51+5:30

गुजरात सरकार उद्योग और विकास के पायदान पर सफलता हासिल करने के दावे भले ही कर रही हो लेकिन भुखमरी पर काबू पाने और आर्थिक असमानता की खाई पाटने में खास उपलिब्ध हासिल नहीं कर सकी है.

Gujarat turned out to be hungry to overcome hunger, even backward in economic development! | भुखमरी पर काबू पाने में गुजरात निकला फिसड्डी, आर्थिक विकास में भी पिछड़ा!

भुखमरी पर काबू पाने में गुजरात निकला फिसड्डी, आर्थिक विकास में भी पिछड़ा!

Highlightsवर्ष-2018 के सूचकांक में गुजरात 49 प्वाइंट पर था जो 2019-20 की रिपोर्ट में 39 प्वाइंट पर आ गया है. भुखमरी और कुपोषण पर काबू पाने के लिए खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम को गति देने की सलाह दी गई है.

गुजरात सरकार उद्योग और विकास के पायदान पर सफलता हासिल करने के दावे भले ही कर रही हो लेकिन भुखमरी पर काबू पाने और आर्थिक असमानता की खाई पाटने में खास उपलिब्ध हासिल नहीं कर सकी है. सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) इंडिया की वार्षिक रिपोर्ट के आंकड़ों से तो यही उजागर हो रहा है. भुखमरी और कुपोषण के क्षेत्र में निराशाजनक स्थिति आज की नहीं लगभग 20 वर्षों से कमोबेश ऐसी ही बनी हुई है. एसडीजी की 2019-20 की रिपोर्ट में तो गुजरात को पिछड़े राज्यों उत्तरप्रदेश, ओडिशा से भी पीछे बताया गया है.

वैश्विक भुखमरी सूचकांक के आंकड़े वेल्थ हंगर हिल्फे एंड कंसर्न वर्ल्ड वाइड के सर्वे में यह पाया गया है कि गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, और कर्नाटक में गरीबों की हालत काफी बदतर है. विश्व भुखमरी सूचकांक में 4 प्रमुख संकेतकों के आधार पर रैंकिंग दी जाती है. अल्प पोषण, बाल मृत्यु, 5 साल तक के कमजोर बच्चे और बच्चों का अवरुद्ध शारीरिक विकास. रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019-20 में भुखमरी और कुपोषण के क्षेत्र में यूपी, ओडिशा और सिक्किम में तो कुछ सुधार हुआ है जबकि गुजरात 10 प्वाइंट नीचे खिसका है.

वर्ष-2018 के सूचकांक में गुजरात 49 प्वाइंट पर था जो 2019-20 की रिपोर्ट में 39 प्वाइंट पर आ गया है. रिपोर्ट में भुखमरी और कुपोषण पर काबू पाने के लिए खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम को गति देने की सलाह दी गई है. आर्थिक असमानता दूर करने के क्षेत्र में भी गुजरात में संतोषजनक काम नहीं हो पाया है. सूचकांक में यह राज्य 2018 में जहां 79 पर था वहीं 2019-20 में यह 20 प्वाइंट घट कर 59 पर पहुंच गया है.

आर्थिक विकास में भी पिछड़ा

एसडीजी रिपोर्ट में आर्थिक विकास के दिए गए आंकड़ों में भी गुजरात का सूचकांक लगातार घटता हुआ दिखाई दे रहा है. 2018 में जहां गुजरात के 80 प्वाइंट थे वहीं 2019-20 की रिपोर्ट में 5 अंक नीचे खिसककर 75 पर आ गया है. 

Web Title: Gujarat turned out to be hungry to overcome hunger, even backward in economic development!

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