गुजरात ने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए बनाया न्यायिक आयोग, भाजपा शासित उत्तराखंड के बाद ऐसा करने वाला हुआ दूसरा राज्य

By शरद गुप्ता | Published: October 29, 2022 09:23 PM2022-10-29T21:23:18+5:302022-10-29T21:52:48+5:30

भाजपा शासित उत्तराखंड की तरह गुजरात सरकार ने भी समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए न्यायिक कमेटी बनाने का ऐलान कर दिया है। इस कदम के साथ गुजरात देश का दूसरा राज्य हो गया, जो इस मुद्दे पर न्यायिक आयोग बनाने जा रहा है।

Gujarat set up judicial commission to implement Uniform Civil Code, will be the second state to do so after BJP-ruled Uttarakhand | गुजरात ने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए बनाया न्यायिक आयोग, भाजपा शासित उत्तराखंड के बाद ऐसा करने वाला हुआ दूसरा राज्य

फाइल फोटो

Highlightsगुजरात सरकार ने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए न्यायिक कमेटी बनाने का ऐलान किया गुजरात से पहले उत्तराखंड सरकार इस विषय पर जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई आयोग बना चुकी है2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में समान नागरिक संहिता का मुद्दा भाजपा का प्रमुख मुद्दा था

दिल्ली:गुजरात समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए न्यायिक कमेटी बनाने वाला दूसरा राज्य होगा। इससे पहले भाजपा शासित उत्तराखंड सरकार इस संबंध में जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई आयोग बना चुकी है। भाजपा की ओर से हिमाचल प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव में यह एक प्रमुख मुद्दा भी है। भाजपा शासित गोवा में समान नागरिक संहिता तो 1961 में उसके भारत में शामिल होने से पहले ही लागू है।

यही नहीं भारतीय जनता पार्टी ने साल 2014 और साल 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी शामिल किया था। पिछले संसदीय सत्र में केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर देते हुए बताया था कि सरकार ने न्याय आयोग लॉ कमीशन को समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए अपने सुझाव देने को कहा है।

इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले माह सभी धर्मों और वर्गों के लिए एक समान कानून लागू करने की मांग करने वाली कई याचिकाओं की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से इस विषय पर विस्तृत उत्तर देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि इन याचिकाओं में मूल प्रश्न यह है कि क्या सुप्रीम कोर्ट इस तरह का कानून बनाने का आदेश पारित कर सकता है।

गोवा के कानून की समीक्षा

इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि इसी वर्ष 31 जुलाई को भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली कानून और कार्मिक विभागों की 7 सदस्यीय संसदीय स्थाई समिति ने साल 1867 से लागू गोवा की समान नागरिक संहिता की समीक्षा की और उसके कुछ प्रावधानों को हटाए जाने की सिफारिश भी की थी। इनमें विवाह, तलाक, गोद लेने की प्रक्रिया, उत्तराधिकार और विरासत से संबंधी कानून शामिल हैं।

Web Title: Gujarat set up judicial commission to implement Uniform Civil Code, will be the second state to do so after BJP-ruled Uttarakhand

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे