किसान पर बाकी थे 31 पैसे, इसलिए SBI ने नहीं दिया NOC, हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा- ये तो उत्पीड़न है
By विनीत कुमार | Published: April 28, 2022 02:33 PM2022-04-28T14:33:03+5:302022-04-28T14:44:49+5:30
गुजरात में एसबीआई ने एक किसान पर लोन का 31 पैसा बकाया रहने पर उसे नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने मामले को लेकर एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई है।
अहमदाबाद: गुजरात में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे लेकर हाईकोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) को कड़ी फटकार लगाई। दरअसल SBI की एक ब्रांच ने एक किसान को केवल इसलिए NOC जारी नहीं की क्योंकि उस पर 31 पैसे बकाया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार बैंक ने 31 पैसे बकाया होने की वजह से किसान को नो ड्यूज सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया। किसान को एक जमीन खरीद के मामले में बैंक से एनओसी की जरूरत थी।
मामला कोर्ट पहुंचा। बैंक ने कोर्ट को बताया कि कर्ज चुकाने के बाद भी किसान का 31 पैसे बकाया है। इस पर जस्टिस भार्गव करिया ने कहा: 'यह बहुत अधिक है।' साथ ही कोर्ट ने कहा कि इतनी कम राशि के लिए ड्यूज सर्टिफिकेट जारी नहीं करना 'उत्पीड़न के अलावा कुछ नहीं' है।
जस्टिस ने कहा, '31 पैसे का बकाया? क्या आप जानते हैं कि 50 पैसे से कम की किसी चीज को नजरअंदाज किया जाना चाहिए।' कोर्ट ने बैंक से इस मुद्दे पर एक हलफनामा दाखिल करने को कहा और सुनवाई 2 मई के लिए स्थगित कर दी।
क्या है एसबीआई, लोन और एनओसी का पूरा मामला?
दरअसल, राकेश वर्मा और मनोज वर्मा ने अहमदाबाद के बाहरी इलाके खोराज गांव में शामजीभाई पाशाभाई और उनके परिवार से जमीन का एक टुकड़ा खरीदा था। इससे पहले पाशाभाई के परिवार ने एसबीआई से फसल ऋण लिया था। कर्ज चुकाने से पहले पाशाभाई के परिवार ने जमीन बेच दी थी। बकाया राशि होने की वजह से जमीन के नए मालिकों के नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पा रहे थे। इसके बाद खरीददारों ने प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए राशि का भुगतान करने की पेशकश की।
हालांकि मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा था। ऐसे में खरीददारों ने 2020 में हाई कोर्ट जाने का फैसला किया। याचिका के लंबित रहने के दौरान ऋण चुकाया गया। बैंक ने इसके बावजूद अभी भी बकाया राशि का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया और जमीन खरीददारों को हस्तांतरित नहीं हो पा रही थी।
ऐसे में बुधवार को कोर्ट ने कहा कि कर्ज चुकाने के बाद वह बैंक को सर्टिफिकेट जारी करने का निर्देश देगा। इस पर बैंक ने 31 पैसे की बकाया राशि की जानकारी कोर्ट को दी। इससे जज नाराज हो गए, उन्होंने कहा कि एसबीआई राष्ट्रीयकृत बैंक होने के बावजूद लोगों को परेशान करता रहता है। उन्होंने कहा, 'एक नियम है कि 50 पैसे से कम की किसी भी चीज की गिनती नहीं की जानी चाहिए।'