गुजरात: 500 साल पहले नष्ट हुए महाकाली मंदिर पर PM Modi ने फहराया पताका, आपसी सहमति से हटाए गए दरगाह, फिर 125 करोड़ में हुआ है पुनर्विकास
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 18, 2022 12:47 PM2022-06-18T12:47:29+5:302022-06-18T15:06:29+5:30
पीएम मोदी ने गुजरात के प्रसिद्ध महाकाली मंदिर पर पताका फहराते हुए कहा कि महाकाली मंदिर में फहराई गई पताका न केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाती है कि सदियां बीत जाने के बावजूद हमारी आस्था मजबूत है।
अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के पंचमहाल जिले में स्थित प्रसिद्ध महाकाली मंदिर के ऊपर बनी दरगाह को उसकी देखरेख करने वालों की सहमति से स्थानांतरित किए जाने के बाद शनिवार को मंदिर के शिखर पर पताका फहराई है। इस पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि महाकाली मंदिर में फहराई गई पताका न केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाती है कि सदियां बीत जाने के बावजूद हमारी आस्था मजबूत है।
500 साल पहले मंदिर के शिखर को सुल्तान महमूद ने किया था नष्ट
मामले में पीएम मोदी ने आगे कहा कि गुजरात में महाकाली मंदिर के ऊपर पांच सदियों तक, यहां तक कि आजादी के 75 वर्षों के दौरान भी पताका नहीं फहराई गई थी। मंदिर के शिखर को करीब 500 साल पहले सुल्तान महमूद बेगड़ा ने नष्ट कर दिया था।
बहरहाल, पावागढ़ पहाड़ी पर 11वीं सदी में बने इस मंदिर के शिखर को पुनर्विकास योजना के तहत पुन: स्थापित कर दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पुनर्विकसित महाकाली मंदिर का उद्घाटन किया है। आपको बता दें कि यह मंदिर चम्पानेर-पावागढ़ पुरातात्विक उद्यान का हिस्सा है, जो यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल है और हर वर्ष लाखों श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने आते हैं।
मंदिर हटाकर बनाई गई थी दरगाह- मंदिर के एक पदाधिकारी
इस पर बोलते हुए मंदिर के एक पदाधिकारी ने बताया कि मंदिर के मूल शिखर को सुल्तान महमूद बेगड़ा ने 15वीं सदी में चम्पानेर पर किए गए हमले के दौरान ध्वस्त कर दिया था। उन्होंने बताया कि शिखर को ध्वस्त करने के कुछ समय बाद ही मंदिर के ऊपर पीर सदनशाह की दरगाह बना दी गई थी।
मंदिर के एक पदाधिकारी ने क्या कहा
पदाधिकारी ने आगे कहा, ‘‘पताका फहराने के लिए खंभे या शिखर की जरूरत होती है। चूंकि, मंदिर पर शिखर नहीं था, इसिलए इन वर्षों में पताका भी नहीं फहराई गई। जब कुछ साल पहले पुनर्विकास कार्य शुरू हुआ तो हमने दरगाह की देखरेख करने वालों से अनुरोध किया कि वे दरगाह को स्थानांतरित करने दें, ताकि मंदिर के शिखर का पुन: निर्माण हो सके।’’
वे आगे बोले, ‘‘सौहार्द्रपूर्ण तरीके से दरगाह को मंदिर के करीब स्थानांतरित करने का समझौता हुआ।’’ गौरतलब है कि 125 करोड़ रुपए की लागत से महाकाली मंदिर का पुनर्विकास किया गया है, जिसमें पहाड़ी पर स्थित मंदिर की सीढ़ियों का चौड़ीकरण और आसपास के इलाके का सौंदर्यीकरण शामिल है। नया मंदिर परिसर तीन स्तरों में बना है और 30,000 वर्ग फीट दायरे में फैला है।