‘‘आम्रपाली की अटकी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बैंकों का समूह राशि देने पर सहमत ’’

By भाषा | Updated: November 13, 2021 21:31 IST2021-11-13T21:31:50+5:302021-11-13T21:31:50+5:30

"Group of banks agree to give funds to complete the stalled projects of Amrapali" | ‘‘आम्रपाली की अटकी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बैंकों का समूह राशि देने पर सहमत ’’

‘‘आम्रपाली की अटकी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बैंकों का समूह राशि देने पर सहमत ’’

नयी दिल्ली, 13 नवंबर आम्रपाली समूह के हजारों घर खरीदारों को राहत देने वाले एक कदम के तहत शनिवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया गया कि सार्वजनिक क्षेत्र के छह बैंकों के एक समूह (कंसोर्टियम) ने अटकी हुई परियोजनाओं को जल्दी पूरा करने के लिए करीब 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करने पर सहमति जतायी है।

आम्रपाली की एक अटकी परियोजना में नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) द्वारा तैयार किए गए 150 फ्लैट दिवाली के अवसर पर अदालत के ‘रिसीवर’ के सहयोग से आयोजित एक छोटे से समारोह में घर खरीदारों को दिए गए।

न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ को सूचित किया गया कि सार्वजनिक क्षेत्र के छह बैंकों के समूह, जिसमें यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा शामिल हैं, ने लगभग 1,000 करोड़ रुपये की राशि देने पर सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की है। इस संबंध में महीने के अंत तक कागजी कार्रवाई के पूरी हो जाने की संभावना है।

पीठ ने न्यायालय द्वारा नियुक्त रिसीवर वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमणि से यह सुनिश्चित करने को कहा कि प्रक्रिया में तेजी लाई जाए और दिसंबर के पहले सप्ताह तक राशि आने लगे जिससे अटके काम को तेजी से शुरू किया जा सके।

कोर्ट रिसीवर ने कहा कि आम्रपाली के पूर्व निदेशकों के पांच निजी विला (हवेली) का मूल्यांकन कार्य पूरा हो गया है और पांच पक्षों ने मूल्यांकन मूल्य से अधिक कीमत पर उन्हें खरीदने में रुचि दिखाई है। न्यायालय के आदेश पर उन विला को जब्त कर लिया गया था।

पीठ ने निर्देश दिया कि इन सभी विला की नीलामी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एमएसटीसी लिमिटेड द्वारा करायी जाएगी जो पहले भी आम्रपाली की संपत्ति की नीलामी में शामिल रही है।

घर खरीदारों की ओर से पेश अधिवक्ता एमएल लाहोटी ने कहा कि न्यायालय को 2019 के अदालत के फैसले के अनुसार बकाएदारों से पैसे की वसूली के लिए उनके आवेदन पर विचार करना चाहिए। पीठ ने कहा कि वह हर शनिवार को आम्रपाली से जुड़े मामले की सुनवाई करने की कोशिश करेगी और इन आवेदनों का निपटारा करेगी।

इस बीच, न्यायालय ने 10 जून, 2020 के आदेश को वापस लेने के लिए दायर आवेदन पर भी अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसमें अदालत ने प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2010 से उन बिल्डरों पर लगाए गए ब्याज को कम कर दिया है, जिन्हें भूमि आवंटित की गई है।

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Web Title: "Group of banks agree to give funds to complete the stalled projects of Amrapali"

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