नहीं रहे महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह, राष्ट्रपति और पीएम ने जताया शोक, विनम्र श्रद्धांजलि!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 14, 2019 06:46 PM2019-11-14T18:46:11+5:302019-11-14T18:46:11+5:30

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य के भोजपुर जिले के बसंतपुर गांव के निवासी सिंह ने पूरे विश्व में भारत एवं बिहार का नाम रोशन किया। उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए कुमार ने सिंह के परिजन के प्रति संवेदना जताई और कहा कि सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जा रहा है।

Great mathematician Vashistha Narayan Singh, President and PM no longer mourn, humble tribute! | नहीं रहे महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह, राष्ट्रपति और पीएम ने जताया शोक, विनम्र श्रद्धांजलि!

वे बिहार के मधेपुरा जिला स्थित भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे थे। 

Highlights‘साइकिल वेक्टर स्पेस थ्योरी‘ पर शोध करने वाले सिंह लंबे समय से शिजोफ्रेनिया रोग से पीड़ित थे।वाशिंगटन में गणित के प्रोफेसर रहे सिंह वर्ष 1972 में भारत लौट आये थे।

अपनी मेधा से भारत को गौरवान्वित करने वाले महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का पार्थिव शरीर पटना स्थित उनके आवास ले जाने के लिए समय पर पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन द्वारा एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाए जाने की वजह से बड़ी देर तक स्ट्रेचर पर पड़ा रहा।

उनका 74 वर्षीय सिंह का लंबी बीमारी के बाद बृहस्पतिवार को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में निधन हो गया। सिंह के भाई अयोध्या प्रसाद सिंह ने आरोप लगाया कि उनके भाई के पार्थिव शरीर को पटना स्थित उनके आवास ले जाने के लिए पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन ने समय पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाई जिसके कारण शव को काफी देर तक स्ट्रेचर पर रखना पड़ा।

इस बीच देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट कर कहा कि डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। वे एक प्रख्यात गणितज्ञ थे। उनके परिवार व सहयोगियों के प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  ट्वीट कर कहा कि गणितज्ञ डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह जी के निधन के समाचार से अत्यंत दुख हुआ। उनके जाने से देश ने ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में अपनी एक विलक्षण प्रतिभा को खो दिया है। विनम्र श्रद्धांजलि!

इस आरोप के बारे में पीएमसीएच के अधीक्षक राजीव रंजन प्रसाद ने दावा किया कि उन्हें जैसे ही सूचना मिली, तुरंत एंबुलेंस उपलब्ध करवाई गई। अयोध्या प्रसाद सिंह से जब यह पूछा गया कि उन्होंने एंबुलेंस के लिए पीएमसीएच प्रशासन अथवा अन्य सरकारी अमलों से संपर्क क्यों नहीं साधा, तो उन्होंने कहा, “कहें तो किससे कहें। कहने से कोई सुनने वाला नहीं। किराए की एंबुलेंस से ले जाएंगे और क्या करेंगे। अंधे के आगे रोना, अपना दीदा खोना।”

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने उनके भाई के इलाज पर “शुरू से कोई ध्यान नहीं दिया।” वशिष्ठ के पार्थिव शरीर को ले जाने के लिए पीएमसीएच प्रशासन द्वारा एंबुलेंस नहीं उपलब्ध कराने से नाराज पूर्व सांसद पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया, हालांकि मौके पर मौजूद पप्पू यादव ने स्थिति को संभाला। जदयू नेता छोटू सिंह ने एंबुलेंस की व्यवस्था में विलंब होने से इंकार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराए जाने की घोषणा की है।

रालोसपा प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने इस मामले को लेकर नीतीश कुमार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने भी राज्य सरकार पर इस महान शख्शियत की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने वशिष्ठ के नाम पर बिहार में आईआईटी खोलने की मांग की है। पीएमसीएच के उपाधीक्षक रंजित कुमार जमुआर से अस्पताल प्रशासन द्वारा एंबुलेंस समय पर नहीं उपलब्ध कराए जाने के बारे में कहा कि उन्हें जैसे ही सूचना मिली, एंबुलेंस का प्रबंध कर दिया गया।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य के भोजपुर जिले के बसंतपुर गांव के निवासी सिंह ने पूरे विश्व में भारत एवं बिहार का नाम रोशन किया। उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए कुमार ने सिंह के परिजन के प्रति संवेदना जताई और कहा कि सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जा रहा है। कुमार ने पटना के कुल्हड़िया कॉम्पलेक्स पहुंचकर सिंह की पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित किए और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

बर्कले के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से वर्ष 1969 में गणित में पीएचडी तथा ‘साइकिल वेक्टर स्पेस थ्योरी‘ पर शोध करने वाले सिंह लंबे समय से शिजोफ्रेनिया रोग से पीड़ित थे और पीएमसीएच में उनका इलाज चल रहा था। वाशिंगटन में गणित के प्रोफेसर रहे सिंह वर्ष 1972 में भारत लौट आये थे। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर और भारतीय सांख्यकीय संस्थान, कलकत्ता में अध्यापन का कार्य किया। वे बिहार के मधेपुरा जिला स्थित भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे थे। 

Web Title: Great mathematician Vashistha Narayan Singh, President and PM no longer mourn, humble tribute!

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