नानी के पास था बच्चा, माता-पिता ने मांगा तो कर दिया इनकार, पूरे मामले पर आया बॉम्बे हाई कोर्ट का ये फैसला

By अनुराग आनंद | Published: March 4, 2021 11:56 AM2021-03-04T11:56:28+5:302021-03-04T12:14:02+5:30

दंपति ने इस साल की शुरुआत में उच्च न्यायालय का रुख किया था क्योंकि उनके बच्चे की नानी ने उनके बेटे को वापस उनके पास भेजने से साफ इनकार कर दिया था।

Grandma’s bond with grandchild special, but she can’t replace parents: Bombay HC | नानी के पास था बच्चा, माता-पिता ने मांगा तो कर दिया इनकार, पूरे मामले पर आया बॉम्बे हाई कोर्ट का ये फैसला

बॉम्बे हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

Highlightsकोर्ट ने 12 साल के बच्चे को उसके माता-पिता के हवाले करने का आदेश सुनाया है। दंपति को अपना बच्चा वापस लाने के लिए कोर्ट जाना पड़ा, तब जाकर उन्हें बच्चा वापस मिला।

मुंबई: नानी या दादी का उसके पोते या नाती के बीच एक खास रिश्ता होता है, लेकिन यह रिश्ता कितना भी खास क्यों न हो बच्चे के जैविक माता-पिता की जगह नहीं ले सकता है। बुधवार को एक मामले की सुनवाई के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने ये बातें कही हैं। 

दरअसल, नासिक का एक शख्स नानी के पास रह रहे अपने बेटे को वापस लाने के लिए कोर्ट पहुंच गया। इसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद नानी को तुरंत 12 साल के बच्चे को उसके माता-पिता के हवाले करने का आदेश सुनाया है। 

एचटी के मुताबिक, दंपति ने इस साल की शुरुआत में बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया था क्योंकि उनके बच्चे को नानी ने उनके पास भेजने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि बच्चे की मां अस्वस्थ थी और उसे बेडरेस्ट की सलाह दी गई थी। इसलिए, 2019 में शख्स की पत्नी अपने बच्चे के साथ अस्थायी रूप से अपनी मां के घर रहने के लिए नासिक गई थी। 

बच्चे के अभिभावक ने बताया कि जब मां के साथ बच्चा अपने ननिहाल गया था तो उस समय उसे नासिक के एक स्कूल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद बच्चा अपनी मां के साथ 2020-21 शैक्षणिक सत्र के दौरान  पुणे लौटने के लिए तैयार था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए नहीं बच्चे को नासिक में ही नानी के पास रहने दिया गया। मई 2020 में, महिला पुणे लौट आई और बच्चा तब तक पुणे के एक अंतरराष्ट्रीय स्कूल में भर्ती था। बाद में लॉकडाउन के दौरान नासिक में वह ऑनलाइन क्लास कर रहा था।

नानी ने बच्चे को उनके साथ वापस नहीं जाने दिया

हालांकि, जब दंपति बाद में बच्चे को वापस लाने के लिए पुणे से नासिक गए, तो बच्चे की नानी ने बच्चे को उनके साथ वापस जाने देने से इनकार कर दिया। बच्चे की नानीने पुलिस और बाल कल्याण समिति से संपर्क किया, यह दावा करते हुए कि माता-पिता के बीच एक वैवाहिक विवाद था। बच्चे की नानी का कहना था कि 12 वर्षीय बच्चे पर उसके माता-पिता के खराब रिश्ते की वजह से प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था, ऐसे में बच्चे के लिए बेहतर है कि वह नानी के ही साथ रहे।

कोर्ट ने कहा कि नानी बच्चे के मां-बाप की जगह नहीं ले सकते हैं

इसके बाद दंपति ने अपने बच्चे को वापस अपने पास लाने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया। न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और मनीष पितले की एक खंडपीठ ने उनकी दलील को स्वीकार करते हुए कहा कि किसी बच्चे के स्वास्थ्य, शिक्षा, शारीरिक, नैतिक और बौद्धिक विकास की परवरिश उसके माता-पिता से बेहतर तरीके से कोई नहीं कर सकता है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि नानी बच्चे के मां-बाप की जगह नहीं ले सकते हैं।

Web Title: Grandma’s bond with grandchild special, but she can’t replace parents: Bombay HC

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे