गृह मंत्रालय ने कुछ घंटे में बदला फैसला, वापस लिया CAPF कैंटीन में सिर्फ स्वदेशी सामान बेचने का आदेश
By सुमित राय | Published: June 1, 2020 05:17 PM2020-06-01T17:17:14+5:302020-06-01T17:28:59+5:30
सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कैंटीनों में सिर्फ स्वदेशी सामान बेचने के फैसले को कुछ घंटे में ही वापस ले लिया है।
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने सोमवार को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कैंटीनों में गैर-स्वदेशी वस्तुओं की बिक्री रोकने से संबंधित सूची को सार्वजनिक करने के कुछ घंटे बाद ही वापस ले लिया। गृह मंत्रालय ने इस लिस्ट पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि इसमें कुछ खामियां हैं और नई सूची जल्द जारी की जाएगी।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 13 मई को घोषणा की थी कि देशभर में सीएपीएफ की 1,700 से अधिक कैंटीन एक जून से केवल स्वदेशी उत्पादों की बिक्री करेंगे ताकि घरेलू उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके। इसके बाद 1 जून को गृह मंत्रालय ने गैर-स्वदेशी वस्तुओं की लिस्ट जारी की थी, लेकिन इसके कुछ घंटे बाद ही इस पर रोक लगा दी गई।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने नए आदेश में कहा कि गृह मंत्रालय ने केंद्रीय पुलिस कल्याण बोर्ड से सोमवार को दिन में पूर्व में जारी सूची को स्थगित रखने को कहा है, जिसमें सीएपीएफ की कैंटीनों में 70 से अधिक कंपनियों की 1,026 वस्तुओं की बिक्री बंद करने को कहा गया था। अधिकारी ने कहा कि नयी सूची जल्द जारी की जाएगी। इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने कहा कि आज पूर्व में जारी की गई सूची में ऐसी कई वस्तुओं के भी नाम थे जो भारत निर्मित उत्पाद हैं, इसलिए इस सूची पर रोक लगानी पड़ी।
इससे कुछ घंटे पहले आदेश में कहा गया था कि जो चीजें "पूरी तरह से आयातित उत्पादों" से बनाई जाती हैं, उन्हें सोमवार से केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार या सीपीएफ कैंटीनों की सूची से हटाया जा रहा है। कुछ खास उत्पादों में आयातित सामान का इस्तेमाल करने वाली और सूची से बाहर हुई कंपनियों में ब्लू स्टार लिमिटेड, बोरोसिल ग्लास वर्क्स लिमिटेड, कोलगेट पामोलिव इंडिया लिमिटेड, डाबर इंडिया लिमिटेड, वीआईपी इंडस्ट्रीज, यूरेका फोर्ब्स, जकुआर, एचयूएल (फूड्स), नेस्ले इंडिया और अन्य शामिल हैं।
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल (सीआईएसएफ), सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) आते हैं जिनकी कैंटीनों का सालाना तौर पर 2,800 करोड़ रुपये का अनुमानित कारोबार है। आंतरिक सुरक्षा से लेकर सीमा की सुरक्षा तक का दायित्व निभाने वाले इन बलों के लगभग 10 लाख कर्मियों के 50 लाख परिजनों के लिए इन कैंटीनों में सामान बेचा जाता है।