मुश्किलों में चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, सरकार ने 11 पीएसयू को दिए पुराने रिकॉर्ड्स खंगालने के निर्देश: रिपोर्ट
By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 5, 2019 09:35 AM2019-11-05T09:35:25+5:302019-11-05T09:41:08+5:30
Ashok Lavasa: चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं, सरकार ने 11 पीएसयू को दिए पुराने रिकॉर्ड्स खंगालने के निर्देश
सरकार ने 11 सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) से चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के पुराने रिकॉर्ड्स की जांच करके ये पता लगाने को कहा है कि कहीं उन्होंने 2009 से 2013 तक विद्युत मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान अपने प्रभाव का अनुचित इस्तेमाल तो नहीं किया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ये गोपीनीय पत्र 29 अगस्त को विद्युत सचिव की सहमति से सभी पीएसयू के मुख्य सतर्कता अधिकारियों (CVO) को जारी किया गया है।
अशोक लवासा के खिलाफ पद के दुरुपयोग की जांच!
इसमें कहा गया है, आरोप है कि आईएएस श्री अशोक लवासा ने सितंबर 2009 से दिसंबर 2013 तक विद्युत मंत्रालय में जेएस/अतिरिक्त सचिव/ विशेष सचिव के पद पर रहते हुए अपने कार्यकाल के दौरान कुछ कंपनियों/सहयोगी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए अपने आधिकारिक पद का अनुचित इस्तेमाल किया।
पत्र के साथ, विद्युत मंत्रालय ने 14 कंपनियों की सूची जारी की है - जो सभी विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों से जुड़ी हुई हैं - जहां चुनाव आयुक्त की पत्नी नोवेल लवासा ने निदेशक के रूप में कार्य किया है।
साथ ही ए2 जेड समूह की कंपनियों को विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों और राज्य सरकारों द्वारा प्रदान की गई 135 परियोजनाओं की एक सूची है, जिनमें किए गए 45.8 लाख रुपये के भुगतान के विवरण की जानकारी नोवेल लवासा को है। 2009-2011 के बीच जब अशोक लवासा विद्युत मंत्रालय में तैनात थे तो उस दौरान A2Z वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड को विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा दी गई 13 बड़ी परियोजनाओं की एक और सूची भी है।
जिन पीएसयू को ये पत्र मिला है उनमें NTPC (नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन), NHPC (अर्स्ट्वाइल नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर), REC (फॉर्मरली रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन) और PFC (पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन) शामिल हैं।
इस पत्र के बारे में अशोक लवासा ने कहा कि उन्हें कुछ नहीं कहना है और उन्हें ऐसी किसी चीज की जानकारी नहीं है।
अशोव लवासा के परिवार के तीन सदस्य आयकर विभाग की जांच के दायरे में
इस रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा चुनावों के दौरान के दौरान अशोक लवासा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को आचार संहिता के उल्लंघन की पांच शिकायतों में क्लीन चिट किए जाने के चुनाव आयोग के बहुतम के फैसले पर असहमति जताई थी। वरिष्ठता क्रम में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के बाद दूसरे नंबर पर आने वाले लवासा ने इसके बाद आचार संहिता की बैठकों में हिस्सा नहीं लिया था।
इंडियन एक्सप्रेस की सितंबर की रिपोर्ट के मुताबिक, लवासा की पत्नी, बेटे और बेटी समेत, उनके परिवार के तीन सदस्य कथित तौर पर आय की घोषणा न करने और आय से अधिक संपत्ति को लेकर आयकर विभाग की जांच के घेरे में हैं। लवासा के बेटे अबीर लवासा की कंपनी (नॉरिश ऑर्गेनिक) और उनकी बहन शकुंतला लवासा (बाल-चिकित्सक) को आयकर विभाग का नोटिस मिल चुका है। इन सभी मामलों में सुनवाई चल रही है।