Coronavirus: मॉस्क, सैनिटाइजर की ब्लैक मार्केटिंग और MRP से ज्यादा महंगा बेचने वालों के खिलाफ सरकार लेगी एक्शन, 7 साल की हो सकती है सजा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 14, 2020 12:17 PM2020-03-14T12:17:49+5:302020-03-14T14:50:03+5:30
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण मास्क और सैनेटाइजर की आपूर्ती बढ़ गई है। बाजार में इसे ब्लैक और MRP से ज्यादा महंगा बेचा जा रहा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है और मास्क और सैनिटाइजर को वस्तु अधिनियम एक्ट 1955 के तहत लाने का आदेश दिया है।
नई दिल्ली. कोरोना वायरस के कारण मास्क और हैंड सैनिटाइजर की आपूर्ती को मद्देनजर रखते हुए। सरकार ने 30 जून तक इसे आवश्यक वस्तु के अधिनियम 1955 के दायरे में रखने का आदेश दिया है। इसके लिए सरकार ने वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन किया है। मास्क और सैनिटाइजर बाजार में कई खुदरा दुकानदारों के पास मौजूद नहीं है। और अगर है तो बहुत ही अधिक दामों में मौजूद है। एमआरपी से ज्यादा दाम में बेचने पर सात साल की सजा के साथ जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है।
इस अधिनियम के तहत सरकार निर्माताओं के साथ विचार विमर्श के बाद उन्हें इन जरुरी वस्तुओं की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और आपूर्ती कम करने के लिए कह सकती है। इसके साथ ही सरकार ने लिगल मेट्रोलॉजी एक्ट के तहत एक एडवाजरी भी जारी की है. इसमे कहा है कि अधिकतम खुदरा दाम पर दोनों वस्तुओं की बिक्री सुनिश्चित कर सकती है।
कोरोना वायरस के मामले दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। भारत में ये आकड़ें 83 हो चुके हैं। भारत सरकार ने इससे बचाव के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। कोरोना से अबतक 100 से ज्यादा देश प्रभावित है। सबसे बड़ी बात ये कि इस वायरस के बचने के लिए कोई संभव इलाज अबतक नहीं आ पाया है। WHO ने इसे महामारी घोषित कर दिया है।