साल के अंत तक सभी को कोरोना टीका देने के सरकार के दावे पर उठ रहे हैं कई तरह के सवाल
By शीलेष शर्मा | Updated: May 31, 2021 18:39 IST2021-05-31T18:27:39+5:302021-05-31T18:39:04+5:30
लोकमत पत्र समूह के अध्यक्ष और पूर्व सांसद विजय दर्डा ने लोगों की आवाज़ उठाते हुए ट्वीट किया कि सरकार दिसंबर 2021 तक भारत में कुल टीकाकरण हासिल करने का दावा करती है, लेकिन आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां करते हैं। आम आदमी सच जानने का हकदार है!

(फोटो सोर्स- ट्विटर)
कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा दिसंबर 2021 तक देश भर में टीकाकरण की घोषणा को लेकर अदालत से राजनीतिक दलों तक जंग छिड़ गयी है। सरकार एक इस दावे पर कि वह इस वर्ष के अंत तक देश के हर व्यक्ति को कोरोना का टीका लगा देगी। राहुल ने ट्वीट किया कि मोदी सरकार की टीकाकरण न कराने की रणनीति भारत माता के सीने में है खंजर, दुखद सत्य।
इधर सर्वोच्च न्यायालय ने भी आज केंद्र सरकार की टीकाकरण नीति को लेकर परेशान कर देने वाले सवाल उठाये। सर्वोच्च न्यायालय ने पूछा एक ही वैक्सीन के अलग अलग दाम क्यों, अदालत यह भी जानना चाहती थी कि क्या 45 वर्ष से ऊपर के लोगों को 100 फीसदी टीकाकरण किया गया है, फिर 18-44 आयु वर्ग के लोगों को 50 फीसदी ही क्यों।
इसे तय करने का क्या आधार है। सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसे तमाम सवाल उठाए जिनका सरकार के पास कोई सीधा जवाब नहीं था। पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि लापता टीके का रहस्य गहराता जा रहा है। टीकों के एक बैच के उत्पादन के लिए आवश्यक लीड टाइम के बारे में भारत बायोटेक के बयान ने भ्रम को और बढ़ा दिया है।
उन्होंने यह भी पूछा कि कॉर्पोरेट्स हमें यह भी बताएं कि उन्हें टीके की आपूर्ति कहाँ से मिलेगी जब राज्य सरकार विदेशी निर्माता से सीधी वैक्सीन नहीं खरीद पा रहे हैं। उन्होंने टीका निर्माताओं की क्षमता , उत्पादन , वित्तरण और ग्राहकों की सूची की सीऐजी द्वारा ऑडिट कराने की मांग भी कर डाली।