गोवर्धन परिक्रमा संरक्षण: एनजीटी ने मथुरा के आला अधिकारी तलब किए
By भाषा | Published: November 14, 2018 04:35 AM2018-11-14T04:35:43+5:302018-11-14T04:35:43+5:30
एनजीटी ने उसके द्वारा पारित आदेशों को लागू करने में लापरवाही बरतने की शिकायत पर जिलाधिकारी, एसएसपी, मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व लोकनिर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को तलब किया
उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में गोवर्धन कस्बे में स्थित गिरिराज पर्वत परिक्रमा के संरक्षण के एक मामले में सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उसके द्वारा पारित आदेशों को लागू करने में लापरवाही बरतने की शिकायत पर जिलाधिकारी, एसएसपी, मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व लोकनिर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को तलब किया। एनजीटी ने सभी अफसरों को अगली सुनवाई पर उचित जवाबों के साथ उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं।
याची पक्ष के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने बताया, ‘राष्ट्रीय हरित अधिकरण की कोर्ट संख्या दो (न्यायमूर्ति रघुवेंद्र सिंह राठौर एवं डॉ. सत्यवान सिंह गबर्याल की पीठ) को जब यह जानकारी दी गई कि जिला प्रशासन ने गोवर्धन आने वाले सैकड़ों वाहनों की पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं की है, तो कोर्ट ने वहां उपस्थित सहायक अभियंता से नाराजगी प्रकट करते हुए चेतावनी दी कि उनका (पीडब्ल्यूडी विभाग का) यही रवैया रहा तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’
उन्होंने बताया, ‘याचिकाकर्ता बाबा आनंद गोपाल दास व सत्यप्रकाश मंगल की याचिका की सुनवाई के दौरान दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा के दिन आयोजित होने वाले अन्नकूट महोत्सव के दौरान हुई परेशानी का जिक्र किया गया तो अदालत ने रोष जताते हुए इस स्थिति में अतिशीघ्र बदलाव लाने की हिदायत दी।’
चतुर्वेदी ने बताया, ‘अव्यवस्था से जुड़ी हकीकत दिखाने के लिए अधिकरण के समक्ष 8 नवम्बर को वहां लगे जाम के फोटोग्राफ एवं अखबारों में प्रकाशित खबरों का हवाला दिया गया था। इस पर न्यायमूर्ति रघुवेंद्र सिंह राठौर ने न्यायालय में मौजूद उप जिलाधिकारी से परिक्रमा मार्ग में चौपहिया वाहनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद उनकी मौजूदगी पर सवाल खड़े करते हुए उक्त जाम के लिए दोषी अधिकारियों की जानकारी देने को कहा।’ उन्होंने बताया कि इस मामले की अगली सुनवाई 19 नवम्बर (सोमवार) को होगी।