भारत की पहली महिला डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी को गूगल ने डूडल बनाकर दी श्रद्धाजंलि

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: March 31, 2018 08:04 AM2018-03-31T08:04:03+5:302018-03-31T08:04:03+5:30

आनंदी गोपाल जोशी 19 साल की उम्र में डॉक्टरी की पढ़ाई करने अमेरिका गई थीं। दो साल के अध्ययन के बाद जब वो भारत लौटीं तो उनका भव्य स्वागत हुआ।

google doodle on india's first lady doctor Anandi Gopal Joshi birth anniversary | भारत की पहली महिला डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी को गूगल ने डूडल बनाकर दी श्रद्धाजंलि

भारत की पहली महिला डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी को गूगल ने डूडल बनाकर दी श्रद्धाजंलि

सर्च इंजन गूगल ने डूडल बनाकर भारत की पहली लेडी डॉक्टर मानी जाने वाली आनंदीबाई गोपाल जोशी को उनकी जयंती पर याद किया है। आनंदीबाई का जन्म 31 मार्च 1865 को महाराष्ट्र में हुआ था। नौ वर्ष की उम्र में उनका गोपालराव जोशी से विवाह हो गया था। उनका बचपन का नाम यमुना था। शादी के बाद उनके पति ने उनकी नाम आनंदी रखा। उनके पति उनसे उम्र में करीब 20 साल बड़े थे। उन्होंने आनंदी की पढ़ाई-लिखाई जारी रखवाई। कहते हैं कि आनंदी 14 वर्ष की उम्र में पहली बार माँ बनीं लेकिन उनका बच्चा केवल 10 दिन ही जीवित रह सका क्योंकि उस समय उस इलाके में पर्याप्त चिकित्सा सुविधा नहीं थी। माना जाता है कि इस घटना ने आनंदी के जीवन में निर्णायक असर डाला। डॉक्टर बनने की बात तभी उनके मन में घर कर गयी थी। 

आनंदी ने अमेरिका जाकर पेनसिलवैनिया के वुमंस मेडिकल कॉलेज मेडिसीन में दो साल का डिप्लोमा किया। डॉक्टर बनने वाली वो भारतीय मूल की चंद महिलाओं में एक थीं। कुछ लोग ये भी मानते हैं कि आनंदी न केवल डॉक्टर बनने वाली बल्कि अमेरिकी जाकर पढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला थीं। आनंदी 1886 में अमेरिका से डॉक्टरी की पढ़ाई करके भारत लौटीं। भारत में उनका शानदार स्वागत हुआ। कोल्हापुर रियासत ने तत्काल ही स्थानीय एल्बर्ट एडवर्ड हॉस्पिटल के महिला विभाग का प्रमुख नियुक्त कर दिया।  

आनंदी के भारत आने के करीब एक साल बाद 26 फ़रवरी 1887 को उनका असमय निधन हो गया। गूगल ने डडूल बनाने के साथ आनंदी के बारे में एक ब्लॉग में लिखा है, "दुर्भाग्यवश जोशी की जिंदगी असमय समाप्त हो गयी। 22वें जन्मदिन से पहले ही उनका ट्यूबरकुलोसिस की वजह से निधन हो गया। लेकिन भारतीय महिलाओं की भावी पीढ़ियों के लिए दिखायी उनकी राह और विरासत आज भी बरकरार है। रोचक तथ्य ये है कि उनके नाम पर शुक्र ग्रह (वीनस) पर एक कार्टेर (भूआकृति) का नाम रखा गया।"

अमेरिकी नारीवादी कैरोलिन हेली डाल ने 1888 में आनंदी गोपाल जोशी की जीवनी लिखी। मराठी लेखक श्रीकृष्ण जनार्दन जोशी ने उनके जीवन पर केंद्रित उपन्यास "आनंदी गोपाल" लिखा है।

Web Title: google doodle on india's first lady doctor Anandi Gopal Joshi birth anniversary

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