गोवा: पश्चिमी घाटों को बचाने के लिये अगले साल पैदल मार्च निकाला जाएगा
By भाषा | Updated: October 10, 2021 13:58 IST2021-10-10T13:58:01+5:302021-10-10T13:58:01+5:30

गोवा: पश्चिमी घाटों को बचाने के लिये अगले साल पैदल मार्च निकाला जाएगा
पणजी, 10 अक्टूबर भारत में पश्चिमी घाटों की ओर वैश्विक ध्यान आकर्षित करने वाले पैदल मार्च के लगभग 35 साल बाद, इसी तरह का आयोजन अगले साल पारिस्थितिक रूप से इस संवेदनशील क्षेत्र के संरक्षण पर जोर देने के लिए किया जाएगा। पश्चिमी घाट बचाओ आंदोलन (एसडब्ल्यूजीएम) के एक प्रतिनिधि ने रविवार को यह जानकारी दी।
एसडब्ल्यूजीएम के समन्वयक कुमार कलानंद मणि ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि पैदल मार्च की तारीख की घोषणा इस साल एक नवंबर को की जाएगी।
गैर सरकारी संगठन ‘पीसफुल सोसाइटी’ के सचिव मणि ने कहा कि एसडब्ल्यूजीएम की कोर कमेटी ने शुक्रवार और शनिवार को उत्तरी गोवा जिले के मडकाई गांव में बैठक की और पश्चिमी घाटों को बचाने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया।
उन्होंने कहा कि एसडब्ल्यूजीएम ने प्राकृतिक संसाधनों, विशेषकर पश्चिमी घाटों के बचाव और संरक्षण से संबंधित कानूनों की समीक्षा करने का भी फैसला किया है।
उन्होंने कहा, ''समीक्षा के अंत में, हम सरकार को सिफारिशें भेजेंगे।''
पश्चिमी घाट छह राज्यों - गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में फैले हुए हैं।
नवंबर 1987 में, पर्यावरणविदों और समान विचारधारा वाले नागरिकों द्वारा 100-दिवसीय पैदल मार्च का आयोजन किया गया था, जिसका मकसद पश्चिमी घाट पर्वत श्रृंखला के संबंध में और मानव हस्तक्षेप तथा वैश्विक पारिस्थितिक परिवर्तनों के कारण इसके सामने पेश आ रही चुनौतियों के बारे में जागरुकता पैदा करना था।
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