तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न मामले में बड़ी राहत, गोवा की कोर्ट ने किया बरी

By भाषा | Published: May 21, 2021 01:32 PM2021-05-21T13:32:32+5:302021-05-21T22:10:54+5:30

तरुण तेजपाल को गोवा में एक महिला सहयोगी से यौन उत्पीड़न के मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया है। ये मामला 2013 का है। कोर्ट ने शुक्रवार सुबह अपना फैसला सुनाया।

Goa court acquits journalist Tarun Tejpal in sexual harassment case | तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न मामले में बड़ी राहत, गोवा की कोर्ट ने किया बरी

तरुण तेजपाल को गोवा की अदालत से मिली राहत (फाइल फोटो)

Highlightsतरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न के केस में कोर्ट ने किया बरी, 2013 का था मामलाकोर्ट ने शुक्रवार सुबह 11 बजे सुनाया अपना फैसला, लिफ्ट में महिला सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने का लगा था आरोपगोवा पुलिस ने नवम्बर 2013 में तेजपाल को गिरफ्तार किया था, इसके बाद 2014 से वे जमानत पर थे

पणजी: गोवा की एक सत्र अदालत ने पत्रकार तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न के मामले में शुक्रवार को बरी कर दिया। ‘तहलका’ पत्रिका के पूर्व प्रधान संपादक पर 2013 में गोवा के एक ‘लग्जरी होटल’ की लिफ्ट में महिला सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश क्षमा जोशी ने तेजपाल को मामले में बरी कर दिया। फैसला पूर्वाह्न पौने 11 बजे सुनाया गया और इस समय तेजपाल अपने परिवार के साथ अदालत में मौजूद थे।

तेजपाल के अधिवक्ता राजीव गोम्स के कनिष्ठ एवं वकील सुहास वलिप ने कहा, ‘‘ अदालत ने तेजपाल को आज सभी आरोपों से बरी कर दिया। इस संबंध में विस्तृत आदेश आज दोपहर बाद जारी किया जाएगा।’’

तेजपाल के वकील गोम्स का पिछले सप्ताह कोविड-19 के कारण निधन हो गया था। अदालत के फैसल के बाद अभियोजन पक्ष ने कहा कि वह फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।

पिछले तीन बार से टल रहा था फैसला

इससे पहले, अदालत 27 अप्रैल को फैसला सुनाने वाली थी लेकिन न्यायाधीश ने फैसला 12 मई तक स्थगित कर दिया था। 12 मई को फैसला एक बार फिर 19 मई के लिए टाल दिया गया था और फिर 19 मई को इसे 21 मई तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।

गोवा पुलिस ने नवम्बर 2013 में तेजपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। तेजपाल मई 2014 से जमानत पर हैं। इस मामले में गोवा पुलिस की अपराध शाखा ने उनके खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया।

उन पर भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), धारा 376 की उपधारा दो (फ) (पद का दुरुपयोग कर अधीनस्थ महिला से बलात्कार) और 376 (2) (क) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चला।

तेजपाल ने इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर इस मामले में उन पर आरोप निर्धारित किये जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था लेकिन उन्हें इसमे सफलता नहीं मिली थी।

 

Web Title: Goa court acquits journalist Tarun Tejpal in sexual harassment case

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