पणजी, 17 सितंबरः गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की तबीयत बिगड़ने के बाद से शीर्ष नेतृत्व को बदलने की सूचाएं सामने आ रही थीं, जिसे भारतीय जनता पार्टी ने खारिज कर दिया था। लेकिन इसी बीच मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस सरकार बनाने की जुगत में जुटी हुई है। इसके लिए उसने सोमवार को राजभवन का दरवाजा खटखटाया है। हालांकि उसकी मुलाकात सूबे की राज्यपाल मृदुला सिन्हा से नहीं हो पाई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए कांग्रेस के 14 विधायक सोमवार को राजभवन पहुंचे। हालांकि उनकी मुलाकात राज्यपाल से नहीं हो सकी। जिसके बाद उन्होंने अपना ज्ञापन राजभवन में ही छोड़ दिया है। उस ज्ञापन पर 16 विधायकों के हस्ताक्षर बताए गए हैं।
आपको बता दें, 40 सदस्यीय विधानसभा में अभी बीजेपी के 14 विधायक हैं, सहयोगी दल महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के पास 3 सीटें, गोवा फॉरवर्ड पार्टी के 3 सीटें और निर्दलीय तीन विधायक हैं। एनसीपी के एक विधायक का पर्रिकर सरकार को बाहर से समर्थन मिला हुआ है। वहीं, कांग्रेस के पास 16 सीटें हैं।
इधर, बीजेपीॉगोवा में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना खारिज कर चुकी है और दावा किया कि राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ठीक हैं। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने पर्रिकर की अस्वस्थता के मद्देनजर तटवर्ती राज्य गोवा में राजनीतिक स्थिति का जायजा लेने के लिए पार्टी के तीन वरिष्ठ सदस्यों...बी एल संतोष, राम लाल और विनय पुराणिक को भेजा था।
रामलाल ने गोवा में बीजेपी नेताओं के साथ बैठक के बाद कहा था कि जो भी चर्चा हुई उसके बारे में जानकारी दी जाएगी। सरकार के बारे में कोई मुद्दा नहीं है और किसी की ओर से नेतृत्व परिवर्तन की कोई मांग नहीं है। गोवा भाजपा अध्यक्ष विनय तेंदुलकर ने कहा था कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का कोई सवाल नहीं है क्योंकि पर्रिकर ठीक हैं।
पर्रिकर को अग्नाशय संबंधी बीमारी के इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया गया है। आईआईटी इंजीनियर से राजनेता बने 62 वर्षीय पर्रिकर दो क्षेत्रीय सहयोगियों गोवा फारवर्ड पार्टी और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी तथा तीन निर्दलीयों के सहयोग से गोवा में सरकार चला रहे हैं।