गोवा में सीएम आवास पर कैबिनेट बैठक, मंत्री बोले- कैंसर से जूझ रहे पर्रिकर 'अब एक दम फिट'
By पल्लवी कुमारी | Published: November 1, 2018 02:53 AM2018-11-01T02:53:52+5:302018-11-01T02:53:52+5:30
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पिछले महीने दिल्ली के एम्स में एडमिट थे। जहां से उन्हें 14 अक्टूबर को छुट्टी मिली थी। वह अग्नाश्य संबंधी कैंसर से पीड़ित हैं।
गोवा के कैंसर से जूझ रहे मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने करीब तीन महीने के बाद बुधवार को सीएम आवास पर कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की। 62 साल के मनोहर पर्रिकर फिलहाल पणजी के पास अपने निजी आवास में बेड रेस्ट पर हैं।
मनोहर पर्रिकर पिछले महीने दिल्ली के एम्स में एडमिट थे। जहां से उन्हें 14 अक्टूबर को छुट्टी मिली थी। वह अग्नाश्य संबंधी कैंसर से पीड़ित हैं।
वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री विजय सरदेसाई ने कहा कि कैबिनेट ने खनन प्रभावित लोगों के लिए ऋण राहत योजना को मार्च 2019 तक बढाने का फैसला किया।
बीजेपी विधायक ने कहा- मनोहर पर्रिकर ''पूरी तरह से अब फिट'' हैं।
भाजपा विधायक और पंचायत मंत्री मौविन गोदिन्हो ने कहा कि पर्रिकर ''पूरी तरह से अब फिट'' हैं। बीते शनिवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा था, गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर अग्न्याशय कैंसर से ग्रस्त हैं और अपने परिवार के साथ वक्त बिताना चाहते हैं।'
Goa CM Manohar Parrikar today chaired a meeting with Cabinet Ministers at his residence. pic.twitter.com/Xfe2rLFJcg
— ANI (@ANI) October 31, 2018
राणे ने उत्तर गोवा के अल्डोना में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के उद्घाटन के बाद कहा था कि पर्रिकर को अग्न्याशय का कैंसर है और इसमें छिपाने जैसी कोई बात नहीं हैं।
कांग्रेस का सवाल- प्रदेश सरकार को बीमार मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य की हालत के बारे में जानकारी देनी चाहिए
बता दें कि गोवा की सरकार ने अब तक पर्रिकर की सेहत को लेकर न कोई बयान जारी किया था न ही कोई टिप्पणी की थी। राणे ने कहा, ''वह एक मुख्यमंत्री हैं और तथ्य यह है कि वह ठीक नहीं हैं। लेकिन उनकी मौजूदा स्थिति क्या है? आप जानते हैं कि वह एम्स से वापस आए हैं। वह अपने परिवार के साथ हैं। उन्हें आराम करने दीजिए। मेरा मानना है कि गोवा के लोगों की सेवा करने के बाद उनका इतना अधिकार है।''
वह गोवा कांग्रेस के प्रवक्ता जितेंद्र देशप्रभु की उस मांग से जुड़े एक प्रश्न का जवाब दे रहे थे जिसमें कहा गया था कि प्रदेश सरकार को बीमार मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य की हालत के बारे में जानकारी देनी चाहिए।