ग्लोबल टाइम्स का दावाः गलवान घाटी से बैच में सैनिक हटाने को तैयार भारत-चीन, 30 जून की बैठक में हुआ फैसला
By आदित्य द्विवेदी | Published: July 2, 2020 08:33 AM2020-07-02T08:33:40+5:302020-07-02T08:33:40+5:30
भारत और चीन के बीच 30 जून को कमांडर स्तर की तीसरे दौर की बैठक हुई थी। इसमें दोनों ही देशों ने गलवान घाटी समेत तनाव के क्षेत्रों से अपने सैनिकों की वापसी पर सहमति जताई है।
भारत और चीन के कमांडरों के बीच 30 जून को चुशुल में हुई बैठक सकारात्मक रही है। इस बैठक में गलवान घाटी समेत तनाव के क्षेत्र से सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमति जताई गई। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक दोनों देश अपनी सेनाएं बैच में पीछे हटाएंगे। इस बैठक में तय हुआ है कि दोनों देश 6 जून को पहली बार कमांडर स्तर की बातचीत में बनी आपसी सहमति को लागू करेंगे। मंगलवार को हुई मीटिंग में भारत की ओर से 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरमिंदर सिंह और चीन की ओर से तिब्बत मिलिट्री के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन शामिल हुए थे।
सैनिकों के एक्शन पर सख्ती से लगाम
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत को बॉर्डर पर सैनिकों के एक्शन पर सख्ती से लगाम लगाना चाहिए। एकतरफा आक्रामक कदम उठाना चाहिए और सीमा क्षेत्र में शांति की रक्षा करनी चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी कमांडर स्तर की बातचीत को सकारात्मक बताया है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन को सीमा क्षेत्र में शांति की रक्षा करनी चाहिए।
तीसरी बैठक में तनाव घटाने की प्रक्रिया पर ज़ोर
मंगलवार 30 जून को भारत और चीन के कमांडर स्तर की यह तीसरी बैठक थी। इससे पहले 6 जून और 22 जून को भारत और चीन के कमांडर मिल चुके थे। इस बैठक में दोनों पक्षों ने जोर दिया कि कई फेज की बातचीत के जरिए तनाव घटाया जा सकता है। साथ ही दोनों देश के सैनिक तनाव वाले क्षेत्रों से बैच में अपने सैनिकों को हटाएंगे। दोनों देशों में मिलिट्री और डिप्लोमैटिक लेवल पर आगे भी बातचीत हो सकती हैं।
लद्दाख का दौरा करेंगे राजनाथ सिंह
लद्दाख क्षेत्र में चीन की सेना के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख का दौरा कर सकते हैं। चीनी सेना के साथ सीमा पर गतिरोध के मद्देनजर भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को राजनाथ सिंह का यह दौरा हो सकता है। इस दौरान रक्षा मंत्री के साथ थल सेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे भी होंगे। सूत्रों ने बताया कि लद्दाख यात्रा के दौरान सिंह सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर सकते हैं।