असम में क्रोधित प्रेमी के हमले में घायल हुई छात्रा की बृहस्पतिवार को मौत हो जाने के बाद समूचे राज्य में आक्रोश भड़क गया है। पुलिस ने बताया कि धेमाजी जिले के मोरीधल कॉलेज में बीए की छात्रा नंदिता सैकिया पर रिंटू शर्मा ने हमला कर दिया था जब वह शनिवार को कॉलेज से घर लौट रही थी। यह युवक उसके कॉलेज में ही गैर-शिक्षण स्टाफ है। उन्होंने बताया कि सैकिया की दोस्त और दोस्त के पिता भी हमले में घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि लखीमपुर में धाकुआखाना की निवासी सैकिया का डिब्रूगढ़ में एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था जहां बुधवार की शाम उसकी मौत हो गई। हमले के तुरंत बाद कथित तौर पर फिल्माए गए एक वीडियो में शर्मा एक छुरे के साथ दिख रहा है और दावा कर रहा है कि सैकिया और उसके परिवार ने “उनके लिए सबकुछ करने के बावजूद मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी।” पुलिस ने अपराध के तुरंत बाद उसे हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया था। मोरीधल कॉलेज के छात्रों ने कहा कि दोनों कुछ समय तक प्रेम संबंध में थे, लेकिन सैकिया कुछ कारणों से अलग होना चाहती थी जिसका कारण उन लोगों को पता है। उन्होंने बताया कि इससे शर्मा गुस्से में था जो मोरीधल कॉलेज में चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी था और वह उसे कुछ समय से उसे छोड़कर नहीं जाने के लिए मना रहा था। सैकिया की मौत की खबर बाहर आते ही लोगों ने अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जब कई संगठनों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर आरोपी के लिए “सख्त से सख्त सजा” की मांग की। राज्य के मंत्री अतुल बोरा ने ट्वीट किया, “नंदिता सैकिया की मौत की खबर से दुखी हूं जिसका जघन्य हमले के बाद इलाज चल रहा था। उसके दोस्तों एवं परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। दुख की इस घड़ी में, मैं उसके परिवार के सदस्यों के साथ हूं।” अपना दुख व्यक्त करते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सदस्य प्रदान बरुआ ने कहा कि सैकिया जघन्य क्रूरता की शिकार बनी और ऐसे अत्याचार दोबारा नहीं होने चाहिए। राज्य सभा सदस्य अजित कुमार भुइयां ने कहा, “ अपराधी की हरकत से क्षुब्ध हूं, प्रशासन से आरोपी को सख्त सजा दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील करता हूं।” राइजोर दल के अध्यक्ष अखिल गोगोई ने राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह त्रासद मौत राज्य की दुखद स्थिति को दर्शाती है। कांग्रेस की असम इकाई की महासचिव बोबीता शर्मा ने कहा कि महिलाओं पर हमले के बढ़ते मामले बेहद निंदनीय एवं चिंताजनक है क्योंकि दिन दहाड़े हुआ यह हमला अक्षम प्रशासनिक व्यवस्था को उजागर करता है। एआईयूडीएफ विधायक अमीनुल इस्लाम ने पुलिस से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि इस तरह का अमानवीय कृत्य दोबारा न हो और अपराध में शामिल दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) जैसे छात्र संगठनों और कई अन्य सामाजिक संगठनों ने ऊपरी असम के कई जिलों में श्रद्धांजलि देने और आरोपियों के लिए सजा की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
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