गिरिराज सिंह ने विश्व जनसंख्या दिवस पर कहा, "10 बच्चे पैदा करने वाले नहीं मानेंगे, जरूरी है जनसंख्या नियंत्रण कानून"
By एस पी सिन्हा | Published: July 11, 2022 05:02 PM2022-07-11T17:02:36+5:302022-07-11T17:09:53+5:30
विश्व जनसंख्या दिवस पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि देश के विकास में जनसंख्या बाधक बन रही है और इस कारण सामाजिक समरसता भी खत्म हो रही है। देश का माहौल बिगड़ रहा है, इसलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी हो जाता है।
पटना: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर देश में जल्द से जल्द जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू किए जाने की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा कि 10 बच्चे पैदा करने वाले बगैर कानून के नहीं मानेंगे। ऐसे लोगों के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून बेहद जरूरी है।
इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि देश के विकास में जनसंख्या बाधक बन रही है और इस कारण सामाजिक समरसता भी खत्म हो रही है। देश का माहौल बिगड़ रहा है, इसलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी हो जाता है।
उन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी भारत के संसाधनों, सामाजिक समरसता और विकास को दीमक की तरह खा रही है। गिरिराज सिंह ने साफ-साफ कहा कि जब तक सबके लिए सामान कानून नहीं बनेंगे तब तक भारत विकसित नहीं होगा। जरूरत है ऐसे जनसंख्या नियंत्रण कानून की जो सभी धर्मों पर समान रूप से लागू होता है और 8-10 बच्चे पैदा करने वाली विकृत मानसिकता पर भी अंकुश लगे।
उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया विश्व जनसंख्या दिवस सतर्कता दिवस के तौर पर मना रहा है। भारत के अंदर सुरसा की तरह जनसंख्या की गति बढ़ रही है। अगर भारत की चीन से तुलना की जाए तो 1978 में कानून बना तब हमारा जीडीपी भी चीन से ज्यादा था और जनसंख्या में चीन हमसे अधिक था।
आज चीन एक मिनट में 10 बच्चे पैदा करता है और भारत 30 बच्चे पैदा करता है। यह गति कड़े कानून से ही रुक सकता है। सभी धर्मों के लिए समान कानून हो तभी यह गति रुक सकता है। यदि यह नहीं रुका तो भारत विश्व के विकास की रफ्तार में पीछे रह जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारा संसाधन सीमित है और इस सीमित संसाधन में सुरसा रूपी बढ़ती आबादी हमें पीछे धकेल रहा है। हम प्रतिदिन ऑस्ट्रेलिया और इजराइल एक साथ पैदा कर रहे हैं। प्रतिदिन दो करोड़ से ऊपर बच्चे पैदा हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज शपथ लें कि इसे राजनीति के चश्मे से न देखें और कड़े कानून के लिए संसद से लेकर सड़क तक आवाज उठाएं। उनका मानना यह है जनसंख्या नियंत्रण कानून बनने के बाद जो समुदाय 10-12 बच्चे पैदा करते हैं, उस पर अंकुश लगेगा और जनसंख्या नियंत्रण भी होगा।