जब जॉर्ज फर्नांडिस ने संघ प्रमुख सुदर्शन को चिट्ठी लिख कर सुनाई खरी-खोटी, इंदिरा गांधी बनी थीं कारण
By विकास कुमार | Published: January 29, 2019 01:32 PM2019-01-29T13:32:12+5:302019-01-29T13:45:43+5:30
जॉर्ज फर्नांडिस की छवि हमेशा से प्रखर और स्पष्टवादी नेता की रही. समता पार्टी में नीतीश कुमार को राजनीतिक ककहरा सिखाने वाले फर्नांडिस को जब जनता दल यूनाइटेड में साइडलाइन कर दिया गया तो उन्होंने शरद यादव को पत्र लिख कर भावनातमक अपील की थी.
जॉर्ज फर्नांडिस की पहचान हमेशा से एक प्रखर समाजवादी नेता की रही. आज 88 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया. और इसके साथ ही समाजवादी आंदोलन का एक और चिराग बूझ गया. जॉर्ज फर्नांडिस की राजनीतिक शख्सियत और सियासी बाजीगरियों के किस्से को पूरे देश में आज याद किया जा रहा है. देश के तमाम नेता आज उनको अपने-अपने स्मृतियों के आधार पर याद कर रहे हैं.
प्रखर नेता की छवि
जॉर्ज फर्नांडिस की छवि एक क्रांतिकारी नेता की रही है जिन्होंने इंदिरा गांधी की सत्ता को हिलाकर रख दिया. आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के अध्यक्ष रहते रेलवे हड़ताल ने पूरे देश में इंदिरा गांधी के खिलाफ लोगों के गुस्से को हवा दिया. इसके बाद पूरे देश में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में आन्दोलन हुए और इंदिरा ने आपातकाल की घोषणा कर दी.
नीतीश ने दिया धोखा
जॉर्ज फर्नांडिस की छवि हमेशा से प्रखर और स्पष्टवादी नेता की रही. समता पार्टी में नीतीश कुमार को राजनीतिक ककहरा सिखाने वाले फर्नांडिस को जब जनता दल यूनाइटेड में साइडलाइन कर दिया गया तो उन्होंने अपने साथी और समाजवादी नेता को चिट्ठी लिख कर इस बात की जानकारी दी. 2009 में उन्होंने यह पत्राचार किया था. इसी साल उन्होंने एक पत्र और लिखा जो शरद यादव को लिखा गया था, जिसमें जॉर्ज ने लिखा था कि समाजवादी नेता होने के नाते उन्हें राज्यसभा जाना उचित नहीं लग रहा है और वो मुजफ्फरपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं.
संघ प्रमुख सुदर्शन को लताड़ा
जॉर्ज फर्नांडिस की मजबूत छवि का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 2005 में संघ प्रमुख केएस सुदर्शन को चिट्ठी लिख कर नाराजगी जताई. दरअसल सुदर्शन ने इंदिरा गांधी की तारीफ की थी. अपनी चिट्ठी में उन्होंने कहा कि आप उस नेता की सराहना कैसे कर सकत हैं जिसने देश पर आपातकाल थोपा. जॉर्ज फर्नांडिस ने हमेशा अपनी शर्तों पर राजनीति की.
जॉर्ज की शादी लैला कबीर से हुई थी. लेकिन 1984 आते-आते दोनों की निजी जिंदगी में दरार आने लगे. इसका कारण बनी थीं जॉर्ज की जिंदगी में उस समय ठीक-ठाक दखल रखने वाली जया जेटली जिनके पति अशोक जेटली के जरिये उनकी नजदीकियां बढ़ी थी.