General Bipin Rawat: भारत के सेनाध्यक्ष से देश के पहले सीडीएस तक, कुछ कैसा रहा है बिपिन रावत का सफरनामा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 8, 2021 06:22 PM2021-12-08T18:22:59+5:302021-12-08T18:58:46+5:30

जनरल बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च, 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी में हुआ था। वे 1978 में सेना से जुड़े और फिर कई मौकों पर भारतीय सेना में अहम भूमिका निभाई।

General Bipin Rawat story India's first CDS his journey, biography and carrer as Chief of Army Staff | General Bipin Rawat: भारत के सेनाध्यक्ष से देश के पहले सीडीएस तक, कुछ कैसा रहा है बिपिन रावत का सफरनामा

1978 में भारतीय सेना से जुड़े थे बिपिन रावत (फाइल फोटो)

Highlightsउत्तराखंड के पौड़ी में 16 मार्च, 1958 को जन्म, 1978 में सेना से जुड़े।ऊंचाई पर जंग लड़ने सहित काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन में रही है महारत।भारत के पहले सीडीएस के तौर पर बिपिन रावत को 30 दिसंबर 2019 को नियुक्त किया गया था।

तमिलनाडु के कुन्नूर जिले में वायु सेना का हेलीकॉप्टर Mi-17V5 क्रैश हो गया। इसमें देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत भी सवार थे। इसके अलावा उनकी पत्नी और 14 लोग भी हेलीकॉप्टर में सवार थे। हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच हादसे की वजह को लेकर जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वायु सेना ने कहा कि दुर्घटना में घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का वेलिंगटन में सेना के अस्पताल में उपचार चल रहा है।

बिपिन रावत- भारत के 26वें सेनाध्यक्ष और पहले सीडीएस

उत्तराखंड के पौड़ी में 16 मार्च, 1958 को जन्में बिपिन रावत साल 1978 में सेना शामिल हुए थे। ऊंचाई पर जंग लड़ने सहित काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन (जवाबी कार्रवाई) में महारत रखने वाले जनरल बिपिन रावत के नेतृत्व में ही भारतीय सेना ने 29 सितंबर, 2016 में सीमा पार पाकिस्तानी क्षेत्र में बसे आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की थी। 

भारतीय सेना ने यह कार्रवाई उरी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले के जवाह में की थी। भारतीय सेना की इस कार्रवाई के कुछ दिनों बाद जनरल रावत ने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद संभाला था। वे भारत के 26वें सेना प्रमुख बने। अपने करियर के दौरान जनरल रावत का एलओसी, चीन से लगे एलएसी और देश के पूर्वोत्तर हिस्सों में लंबा समय गुजरा।

1978 में इलेवन गोरखा राइफल्स से जुड़े

सेना में शामिल होने के साथ जनरल रावत को 1978 में ग्यारह गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में कमीशन किया गया था। चार दशक से ज्यादा लंबी सेवा में जनरल रावत ने ब्रिगेड कमांडर, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-सी) दक्षिणी कमान, मिलिट्री ऑपरेशंस में जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड-2, कर्नल मिलिट्री सेक्रेटरी सहित मिलिट्री सेक्रेटरी ब्रांच में डिप्टी मिलिट्री सेक्रेटरी और जूनियर कमांड विंग में सीनियर इंस्ट्रक्टर के तौर पर काम किया।

म्यांमार में घुसकर कार्रवाई और सर्जिकल स्ट्राइक

जनरल रावत ने 2015 में म्यांमार की सीमा में नागा विद्रोही ठिकाने के खिलाफ भारतीय सेना की कार्रवाई में भी अहम भूमिका निभाई थी। यही नहीं, जनरल रावत 2019 बालाकोट हवाई हमला, सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भी भूमिका में शीर्ष पर थे। डोकलाम में 2017 में चीन-भारत सीमा गतिरोध को संभालने में भी जनरल रावत की भूमिका महत्वपूर्ण रही थी।

करियर में जनरल रावत को मिले कई सम्मान

जनरल रावत को उनकी वीरता और सेवा के लिए एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम, वीएसएम, सीओएएस पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्होंने UN लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो (MONUSCO) के साथ भी काम किया, जहां उन्हें दो बार फोर्स कमांडर के प्रशस्ति से सम्मानित किया गया था। भारत के पहले सीडीएस के तौर पर बिपिन रावत को 30 दिसंबर 2019 को नियुक्त किया गया था। 

Web Title: General Bipin Rawat story India's first CDS his journey, biography and carrer as Chief of Army Staff

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