गलवान घाटी पर वीके सिंह का बड़ा दावा, 'उस शाम चीन के तंबू में लगी थी आग, तब दोनों सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प'
By पल्लवी कुमारी | Published: June 29, 2020 12:23 PM2020-06-29T12:23:50+5:302020-06-29T12:23:50+5:30
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 15 जून को भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़ी सैन्य झड़प के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है।
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प को लेकर बड़ा दावा किया है। वीके सिंह ने दावा किया है उस दिन चीन के तंबू में अचानक आग लग गई थी, जिसकी वजह से भारतीय-चीन सैनिकों के बीच बात बढ़ गई और वह हिंसक झड़प में बदल गई। वीके सिंह से मुताबिक हालांकि चीन के सैनिकों तंबू में क्या रखा था, जिसकी वजह से आग लगी...इसके कारणों का पता नहीं चल पाया है।
न्यूज चैनल एबीपी से बात करते हुए जनरल वीके सिंह ने कहा, ''भारत और चीन के बीच बातचीत में यह फैसला किया गया था कि सीमा से दोनों देशों के वापस आएंगे और वहां कोई भी नहीं मौजूद रहेगा। 15 जून ( हिंसक झड़प वाले दिन) को जब भारतीय सेना के कमांडिंग अफसर अन्य जवानों के साथ शाम को देखने गए थे चीनी सैनिक वापस गए हैं या नहीं...तो उन्हें पता चला कि उन्होंने अपना तंबू वहां लगाया और वहां से नहीं गए हैं। कमांडिंग अधिकारी ने उन्हें तंबू हटाने के लिए कहा, लेकिन जब वे तंबू हटा रहे थे तभी अचानक आग लग गई, जिसके बाद दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई।''
#IndiaChinaFaceOff : 'Sudden Fire In Chinese Tent Led To Violent Face-Off In #GalwanValley ,' Reveals Union Minister VK Singhhttps://t.co/6ZK6jA6x79
— ABP News (@ABPNews) June 29, 2020
गलवान घाटी हिंसक झड़प को लेकर वीके सिंह पहले भी कर चुके हैं दावा
20 जून को एक न्यूज चैनल से बात करते हुए जनरल वीके सिंह ने दावा किया था कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में चीन ने 40 से ज्यादा जवान खोए हैं। पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने यह भी दावा किया था कि चीन ने ही भारत के सैनिक नहीं लौटाए, बल्कि भारत ने भी चीन के सैनिक लौटाए हैं।
वीके सिंह कहा था,'' हमारे 20 शहीद हुए हैं तो चीन के इससे ज्यादा सैनिक मारे गए हैं लेकिन चीन यह नहीं बताएगा। चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं। वहां हर चीज को छिपाया जाते हैं। वहां चीन के दोगुने से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं। हमारे सैनिकों ने बदला लेकर शहादत दी है।''
15 जून को गलवान घाटी में भारत के 20 जवान हुए थे शहीद
गलवान घाटी में 15 जून हुई हिंसक झड़प 45 साल के इतिहास में दोनों देशों के बीच सीमा पर सबसे बड़े टकराव वाली घटना थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए, वहीं चीन की सेना ने अपने मारे गए जवानों की संख्या नहीं जाहिर की है। पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़ी सैन्य झड़प के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है।
भारतीय वायुसेना ने चीन के साथ लगती 3500 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सभी अग्रिम अड्डों को अलर्ट कर दिया है और संघर्ष के बाद तैयारियों के तहत लड़ाकू विमान और हमलावर हेलीकॉप्टर जैसे अतिरिक्त संसाधनों की तैनाती की है।
भारत और चीन की सेनाओं के बीच पांच मई के बाद से पूर्वी लद्दाख के गलवान और कई अन्य इलाकों में गतिरोध जारी है। पांच मई को पैंगोग सो के तट पर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई थी। सीमा गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक वार्ता जारी है।