''GDP में गिरावट, 12 करोड़ नौकरियां गईं, कोविड के सबसे ज्यादा केस... लेकिन 'सब चंगा सी''', राहुल गांधी का मोदी सरकार पर तंज
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 12, 2020 10:43 AM2020-09-12T10:43:35+5:302020-09-12T10:43:35+5:30
शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सशस्त्र बलों में पद भोजन की गुणवत्ता में अंतर का आधार नहीं हो सकता और संबंधित मुद्दों पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलो और इससे निपटने की तैयारी को लेकर कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार की कोरोना वायरस के खिलाफ 'सुनियोजित लड़ाई' ने भारत को रसातल में ढकेल दिया है।
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, "कोविड के खिलाफ मोदी सरकार की 'सुनियोजित लड़ाई' ने भारत को रसातल में पहुंचा दिया है: जीडीपी में ऐतिहासिक 24 प्रतिशत की गिरावट, 12 करोड़ नौकरियां चली गईं, 15.5 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंसा कर्ज, दुनिया भर में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले और मौतें। लेकिन भारत सरकार और मीडिया के लिए 'सब चंगा सी।'
Modi Govt’s ‘well-planned fight’ against Covid has put India in an abyss of:
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 12, 2020
1. Historic GDP reduction of 24%
2. 12 crore jobs lost
3. 15.5 lac crores additional stressed loans
4. Globally highest daily Covid cases & deaths.
But for GOI & media ‘sab changa si’.
इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सशस्त्र बलों में पद भोजन की गुणवत्ता में अंतर का आधार नहीं हो सकता और संबंधित मुद्दों पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। रक्षा मामलों की संसद की स्थायी समिति की बैठक में उन्होंने कहा कि जवानों को कम गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराना ‘‘अनुचित और भेदभावकारी’’ है तथा इसपर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। वह रक्षा बलों में राशन की गुणवत्ता की निगरानी और वर्दी संबंधित मुद्दों पर हुई समिति की बैठक में बोल रहे थे।
गांधी ने कहा कि जवानों को अधिक गुणवत्तापूर्ण भोजन मिलना चाहिए क्योंकि वे सीमाओं पर तैनात रहते हैं और देश की रक्षा करते हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने समिति से कहा है कि जवानों के भोजन की गुणवत्ता अधिकारियों के भोजन जैसी ही होनी चाहिए। सूत्रों ने बताया कि गांधी ने समिति से कहा कि सशस्त्र बलों में पद भोजन की गुणवत्ता में अंतर का आधार नहीं हो सकता, पद वेतन तय कर सकता है, लेकिन खाने-पीने की गुणवत्ता नहीं। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि रक्षा बलों में अधिकारियों तथा जवानों के भोजन की गुणवत्ता और मात्रा में कोई अंतर नहीं है, सिवाय इसके कि अधिकारियों और जवानों को अलग-अलग चीजें मिलती हैं।