तेलंगाना: कांग्रेस छोड़ TRS ज्वाइन करने वाले विधायक ने कहा-हम भेड़ या भैंस नहीं जो कोई हमें खरीद सके
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 13, 2019 09:05 AM2019-06-13T09:05:51+5:302019-06-13T09:06:19+5:30
रेड्डी ने कहा, कांग्रेस पार्टी ने कहा कि हमने डर के कारण पार्टी छोड़ी है या क्योंकि टीआरएस ने हमें खरीदा है। न तो हम किसी चीज से डरने वाले छोटे बच्चे हैं और न ही हमें खरीदा जा सकता है क्योंकि हम भेड़ या भैंस नहीं हैं।
पिछले हफ्ते तेलंगाना में कांग्रेस के 12 विधायक पार्टी छोड़कर सत्तारूढ़ पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) में शामिल हो चुके हैं। कांग्रेस ने पाला बदलने वाले विधायकों पर पैसे के चलते पार्टी छोड़ने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के आरोपों पर पूर्व कांग्रेस MLA गंद्रा वेंकटरमण रेड्डी ने कहा है कि हम भेड़ या भैंस नहीं हैं, जो हमें खरीदा जाए।
रेड्डी ने कहा, कांग्रेस पार्टी ने कहा कि हमने डर के कारण पार्टी छोड़ी है या क्योंकि टीआरएस ने हमें खरीदा है। न तो हम किसी चीज से डरने वाले छोटे बच्चे हैं और न ही हमें खरीदा जा सकता है क्योंकि हम भेड़ या भैंस नहीं हैं।
Gandra Venkataramana Reddy,ex Telangana Congress MLA who recently joined TRS: Congress party said that we left the party because of fear or because TRS purchased us.Neither we are small kids to be afraid of anything nor we can be purchased as we are not sheep or buffaloes. (12/6) pic.twitter.com/M7h5AZl12K
— ANI (@ANI) June 13, 2019
इससे पहले तेलंगाना उच्च न्यायालय ने बुधवार को राज्य विधानसभा अध्यक्ष और दल-बदल करने वाले कांग्रेस के 12 विधायकों को नोटिस जारी किये। दरअसल, कांग्रेस विधायक दल के दो तिहाई सदस्यों के टीआरएस में विलय करने को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति शमीम अख्तर की खंडपीठ ने विधान सभा अध्यक्ष , विधानसभा सचिव और कांग्रेस के 12 विधायकों को नोटिस जारी किये। इन सभी को चार हफ्तों के अंदर अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता एम भट्टी विक्रमार्का और तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख एन उत्तम कुमार रेड्डी ने सोमवार को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। याचिका में विधानसभा अध्यक्ष पोचारम श्रीनिवास रेड्डी के निर्देश पर तेलंगाना राज्य विधानसभा सचिव द्वारा जारी किए गए विलय के बुलेटिन को स्थगित करने की मांग की गयी है।
गौरतलब है कि तेलंगाना में कांग्रेस को एक तगड़ा झटका देते हुए स्पीकर ने छह जून को उसके 18 में से 12 विधायकों को टीआरएस विधायक दल के सदस्य के तौर पर मान्यता दे दी। दरअसल, इसके कुछ ही घंटे पहले उन्होंने अपने समूह को सत्तारूढ़ दल में विलय की मंजूरी देने का अनुरोध किया था। बुलेटिन के मुताबिक, अध्यक्ष ने दलबदल करने वाले विधायकों के अनुरोध को इस तथ्य पर विचार करते हुए स्वीकार कर लिया था कि उनकी संख्या कांग्रेस के विधायक दल की दो-तिहाई है जो दलबदल रोधी कानून के तहत विलय के लिए जरूरी है।
याचिकाकर्ताओं की दलील है कि किसी राजनीतिक पार्टी या विधायक दल के अन्य दल में विलय की घोषणा करना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत चुनाव आयोग को प्रदत्त एक सांविधिक कर्तव्य है, ना कि विधानसभा अध्यक्ष का। याचिकाकर्ताओं के वकील जे. रवि शंकर ने संवाददाताओं को बताया कि याचिका पर सुनवाई करने के बाद पीठ ने विधान सभा अध्यक्ष, विधानसभा सचिव और कांग्रेस के 12 विधायकों को नोटिस जारी किया तथा उनसे चार हफ्तों के अंदर अपना जवाब सौंपने को कहा।
उच्च न्यायालय ने मंगलवार को विधान सभा अध्यक्ष और तेलंगाना विधान परिषद के सभापति , विधानसभा और विधानपरिषद के सचिवों को नोटिस जारी कर उनसे दो रिट याचिकाओं पर अपना जवाब देने का निर्देश दिया था। ये याचिकाएं कांग्रेस के चार एमएलसी और 10 विधायकों के खिलाफ दायर किए गए हैं।