कोविड-19 से लड़ने में भारतीय डाक ने किस तरह दिया योगदान, गृह मंत्रालय ने दी पूरी जानकारी

By सुमित राय | Published: April 17, 2020 06:28 PM2020-04-17T18:28:57+5:302020-04-17T18:28:57+5:30

भारतीय डाक की लॉकडाउन के दौरान डाक पहुंचाने के अलावा कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

From delivering mails to Covid-19 kits, India Post turns lifesaver | कोविड-19 से लड़ने में भारतीय डाक ने किस तरह दिया योगदान, गृह मंत्रालय ने दी पूरी जानकारी

देश के विभिन्न भागों में मोबाइल पोस्ट ऑफिस काम कर रहे हैं। (इंडिया पोस्ट- फाइल फोटो)

Highlightsभारतीय डाक ने 100 टन से अधिक दवाई और मेडिकल इक्यूपमेंट अस्पतालों और अन्य ग्राहकों तक पहुंचाया है।भारतीय डाक ने जिला प्रशासन और गैरसरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर खाद्य पदार्थ और राशन का वितरण किया है।

कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और इसको रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लागू है। लॉकडाउन के दौरान लोगों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और इसमें भारतीय डाक ने लोगों को कई तरह से सहयोग किया है। भारतीय डाक ने दवाई और मेडिकल इक्यूपमेंट पहुंचाने के अलावा लोगों के घरों तक पैसे पहुंचाने के काम किया है।

गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेस में भारतीय डाक के योगदान का पूर्ण विवरण दिया और बताया कि कोविड-19 के खिलाफ जंग में भारतीय डाक ने किस तरह सहयोग दिया है।

पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया, "कोविड-19 के दौरान भारतीय डाक ने काफी योगदान दिया है और इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारतीय डाक ने मालवाहक उड़ानों और लाल मेल मोटर वैन द्वारा दवाइयां, कोविड परीक्षण किट और मेडिकल इक्यूपमेंट जैसे आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया है। भारतीय डाक ने 100 टन से अधिक दवाई और मेडिकल इक्यूपमेंट अस्पतालों और अन्य ग्राहकों तक पहुंचाया है।"

उन्होंने बताया, "लॉकडाउन के दौरान डाक विभाग ने विशेष व्यवस्था करके अंतर्राज्यीय और राज्यांतरीय डाक पहुंचाई है। इसके अलावा डाक विभाग प्रयासरत है कि लोगों को उनके पेंशन राशियों का भुगतान और सरकार के अन्य सामाजिक लाभ उनके घर तक पहुंचाए।"

पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया, "आधार आधारित भुगतान प्रणाली का प्रयोग करते हुए लगभग 2 लाख डाकिए और ग्रामीण डाक सेवक किसी भी बैंक से संबंधित राशि का भुगतान इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से लोगों के घर तक सुनिश्चित करा रहे हैं। इस प्रकार से सैकड़ों करोड़ रुपये की राशि, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और प्रत्यक्ष लाभांतरण के रूप में विधवाओं, वरिष्ट नागरिकों और दिव्यांगजन लाभार्थियों को उनके द्वार तक मुहैया कराई गई है।"

उन्होंने आगे बताया, "भारतीय डाक ने जिला प्रशासन और गैरसरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर खाद्य पदार्थ और राशन का वितरण किया है। देश के विभिन्न भागों में मोबाइल पोस्ट ऑफिस काम कर रहे हैं, जो आधारभूत डाक और वित्तिय सेवा प्रदान कर रहे हैं। इन वित्तीय सेवाओं लॉकडाउन के दौरान हमारा उदेश्य है कि लोगों को राहत मिले।"

बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण को 13835 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें 452 लोगों की मौत हो चुकी है और 1766 मरीज ठीक भी हुए हैं, वहीं एक व्यक्ति देश से बाहर चला गया है। अब भारत में कोरोना वायरस के कुल 11616 एक्टिव केस मौजूद है।

Web Title: From delivering mails to Covid-19 kits, India Post turns lifesaver

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