'सरकारी स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी किया जाना शरिया कानून जैसा है': केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह
By एस पी सिन्हा | Published: July 30, 2022 04:50 PM2022-07-30T16:50:39+5:302022-07-30T16:50:39+5:30
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी शरिया कानून जैसा है। सिंह ने कहा कि शुक्रवार को स्कूलों में छुट्टी का नियम ही नहीं है।
पटना: बिहार में अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के सरकारी स्कूलों में मदरसा माड्यूल पर रविवार के बदले शुक्रवार को छुट्टी दिए जाने को लेकर गरमायी सियासत के बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी शरिया कानून जैसा है। उत्तर प्रदेश के बाद अब बिहार में इसे मुद्दा बनाया जा रहा है। रविवार की छुट्टी सालों से चली आ रही है। आजादी के समय ही रविवार को छुट्टी घोषित किया गया है। अब शुक्रवार को छुट्टी करने पर बवाल किया जा रहा है, जो संभव नहीं है।
सिंह ने कहा कि शुक्रवार को स्कूलों में छुट्टी का नियम ही नहीं है। ये नियम तो शनिवार-रविवार का है। गिरिराज सिंह ने कहा कि 'मैं इसे इस रूप में देखता हूं कि देश में पहले ये बात उत्तर प्रदेश में आई। इसके बाद अब बिहार में ये दिख रहा है। कानून का राज होना चाहिए। कानून में बरसों से आजादी के समय से ही हम रविवार को स्कूलों-ऑफिसों में छुट्टी मनाते हैं।
ये शुक्रवार को मनाना उचित नहीं है। ये तो एक संप्रदाय के लिए शरिया के कानून के तहत है। उल्लेखनीय है कि बिहार के कई ऐसे जिले हैं जहां के सैकड़ों सरकारी स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को साप्ताहिक छुट्टी घोषित कर दिया गया है। जबकि इसके लिए कोई सरकारी आदेश भी जारी नहीं किया गया है। खासकर अल्पसंख्यक बहुल इलाकों की बात की जाए तो ऐसे मामले सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं। इसमें किशनगंज में 37, कटिहार में 138, अररिया, पूर्णिया, भागलपुर, मुंगेर, छपरा, गोपालगंज, गया, पटना समेत कई जिले शामिल हैं।
सरकारी स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी दिए जाने पर जमकर राजनीति हो रही है। हैरानी की बात तो ये है कि इस मुद्दे पर भाजपा और जदयू के बीच भी एकमत नहीं दिख रहा है। भाजपा की ओर से जदयू पर वोट की राजनीति का आरोप लगाया गया है। भाजपा का कहना है कि बिहार में अवकाश बिहार सरकार के नियम के अनुसार होना चाहिए न कि धर्म के आधार पर।
वहीं जदयू ने इस मुद्दे को राजनीतिक बनाते हुए संस्कृत विद्यालय में अवकाश की तुलना कर दी है। जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष ने ट्विट कर कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय में भी प्रतिपदा को छुट्टी होती है। जिसके जवाब में संजय सरावगी ने कहा कि ये मुस्लिम समुदाय को लोगों को संतुष्ट करने के लिए शुक्रवार को छुट्टी दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय एक स्वायत्तशासी संस्था है। उसमें अपना सिनेट है और सिंडीकेट है। वहीं, उर्दू स्कूल राज्य सरकार चलाती है। यहां राज्य में लागू किए जाने वाले ही नियम लागू होंगे। विशेष समुदाय को लोगों संतुष्टि के लिए एक राज्य की ओर से संचालित संस्था में छुट्टी देना ठीक नहीं।