बॉर्डर पर तनाव के बीच चीन की खुफिया एजेंसी को संवेदनशील जानकारी देने के मामले में स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा गिरफ्तार
By रामदीप मिश्रा | Published: September 19, 2020 12:37 PM2020-09-19T12:37:23+5:302020-09-19T12:39:51+5:30
पैंगोंग झील के उत्तर एवं दक्षिण किनारे समेत पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले अन्य बिंदुओं पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। चीनी ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ’ (पीएलए) ने पैंगोंग झील क्षेत्र के उत्तरी और दक्षिणी तटों पर पिछले तीन सप्ताह में भारतीय सैनिकों को भयभीत करने की कम से कम तीन कोशिशें की हैं।
नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के तनाव बरकार है। इस बीच दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में एक स्वतंत्र पत्रकार को गिरफ्तार किया है। पीतमपुरा निवासी राजीव शर्मा को विशेष सेल ने एक आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम मामले में गिरफ्तार किया है। उनके ऊपर आरोप है कि उन्होंने कुछ रक्षा-संबंधित क्लासीफाइड दस्तावेज चीनी खुफिया एजेंसी के साथ शेयर किए हैं।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को चीनी खुफिया जानकारी के लिए संवेदनशील जानकारी देने के लिए गिरफ्तार किया गया था। साथ ही एक चीनी महिला और उसके नेपाली सहयोगी को भी गिरफ्तार किया गया है, जोकि शेल कंपनियों के माध्यम से बड़ी मात्रा में पैसे दे रही थीं।
Freelance journalist Rajeev Sharma was arrested for passing sensitive information to Chinese intelligence. A Chinese woman and her Nepalese associate also arrested for paying him large amounts of money routed through shell companies: Delhi Police https://t.co/Qd5EbzTUPE
— ANI (@ANI) September 19, 2020
आपको बता दें, पैंगोंग झील के उत्तर एवं दक्षिण किनारे समेत पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले अन्य बिंदुओं पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। चीनी ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ’ (पीएलए) ने पैंगोंग झील क्षेत्र के उत्तरी और दक्षिणी तटों पर पिछले तीन सप्ताह में भारतीय सैनिकों को भयभीत करने की कम से कम तीन कोशिशें की हैं। यहां तक कि 45 साल में पहली बार एलएसी पर हवा में गोलियां चलाई गईं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बृहस्पतिवार को कहा था कि चीन को पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील क्षेत्र सहित टकराव वाले सभी इलाकों से सैनिकों को पूर्ण रूप से हटाने के लिये प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने चीन से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिशें नहीं करने को भी कहा। उन्होंने कहा था कि दोनों देशों को तनाव बढ़ा सकने वाली गतिविधियों से दूर रहते हुए टकराव वाले इलाकों में तनाव घटाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि 15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैन्य कर्मियों के शहीद होने के बाद पूर्वी लद्दाख में तनाव कई गुना बढ़ गया। चीनी सैनिक भी इसमें हताहत हुए लेकिन चीन ने अब तक कोई आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया है। पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात भारतीय भूभाग पर कब्जा करने की चीन की नाकाम कोशिश के बाद स्थिति एक बार फिर से बिगड़ गई।
भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर कई पर्वत चोटियों पर तैनाती की और किसी भी चीनी गतिविधि को नाकाम करने के लिये क्षेत्र में फिंगर 2 तथा फिंगर 3 इलाकों में अपनी मौजूदगी मजबूत की है। चीन फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच के इलाकों पर कब्जा कर रहा है। इस इलाके में फैले पर्वतों को फिंगर कहा जाता है। चीन ने भारत के कदम का पुरजोर विरोध किया है। हालांकि, भारत यह कहता रहा है कि ये चोटियां एलएसी के इस ओर हैं। भारत ने चीनी अतिक्रमण के प्रयासों के बाद क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिक एवं हथियार भी भेजे हैं। साथ ही, क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाई है।