एफपीआई ने फरवरी में पूंजी बाजारों में किया 5,177 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश
By भाषा | Published: February 9, 2020 01:32 PM2020-02-09T13:32:29+5:302020-02-09T13:32:29+5:30
शेयरों से उन्होंने इस दौरान 1,172.56 करोड़ रुपये की निकासी की। इस तरह आलोच्य अवधि में वे 5,177.44 करोड़ रुपये के शुद्ध निवेशक रहे। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषण प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने ऋणपत्रों में निवेश के कारणों को लेकर कहा कि यह मुख्यत: रिजर्व बैंक द्वारा हालिया मौद्रिक नीति समीक्षा में रुख को उदार बनाये रखने के कारण है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने लगातार छठे महीने खरीदारी का सिलसिला जारी रखते हुए फरवरी में अब तक भारतीय पूंजी बाजार में शुद्ध रूप से 5,177 करोड़ रुपये का निवेश किया है। ऋणपत्र श्रेणी को इसमें बहुलांश हिस्सा मिला है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, तीन फरवरी से सात फरवरी के दौरान एफपीआई ने ऋणपत्रों में 6,350 करोड़ रुपये लगाये।
हालांकि शेयरों से उन्होंने इस दौरान 1,172.56 करोड़ रुपये की निकासी की। इस तरह आलोच्य अवधि में वे 5,177.44 करोड़ रुपये के शुद्ध निवेशक रहे। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषण प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने ऋणपत्रों में निवेश के कारणों को लेकर कहा कि यह मुख्यत: रिजर्व बैंक द्वारा हालिया मौद्रिक नीति समीक्षा में रुख को उदार बनाये रखने के कारण है।
इस रुख के कारण आने वाले समय में रेपो दर घटाने का विकल्प खुला हुआ है। उन्होंने कहा कि चीन में कोरोना वायरस के फैले संक्रमण का अर्थव्यवस्था पर पड़ सकने वाले असर को लेकर एफपीआई भारत जैसे उभरते बाजारों में पैसा लगाने में सतर्कता बरत रहे हैं। बजाज कैपिटल के शोध एवं सलाहकार प्रमुख आलोक अग्रवाल ने एफपीआई के रुख के बारे में कहा कि बजट में विदेशी निवेश आकर्षित करने को लेकर कई उपाय किये गये हैं। इस कारण आने वाले समय में भी भारत में एफपीआई का आकर्षण बना रह सकता है।