बिहारः शराब पीने के बाद अब चार हजार राइफल की गोलियां खा गए चूहे?
By एस पी सिन्हा | Published: July 2, 2018 03:28 PM2018-07-02T15:28:16+5:302018-07-02T15:28:16+5:30
प्राप्त जानकारी के अनुसार समस्तीपुर पुलिस लाइन के शस्त्रागार और इससे संबंधित कागजात की जांच में वहां से चार हजार कारतूस गायब होने का मामला उजागर हुआ।
पटना, 02 जुलाई: बिहार में शराब पीने के बाद अब पुलिस के हथियार व कारतूस भी चूहे खाने लगे हैं। सूबे के समस्तीपुर जिले के पुलिस शस्त्रागार से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां लगभग चार हजार से ज्यादा गोली के गायब होने का मामला सामने आया है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब सत्यापन के लिए शस्त्रागार में आर्म्स-कारतूस की गिनती चल रही थी। इसके पहले सीवान जिले के पुलिस लाइन से भी भारी मात्रा में हथियार व कारतूस गायब हो चुके हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार समस्तीपुर पुलिस लाइन के शस्त्रागार और इससे संबंधित कागजात की जांच में वहां से चार हजार कारतूस गायब होने का मामला उजागर हुआ। जांच के बाद इस बाबत मुफस्सिल थाना में एफआइआर दर्ज की गई है। इसमें वर्ष 1999 से चल रही इस अनियमितता का पर्दाफाश करते हुए मेजर, दो सेवानिवृत्त सूबेदार सहित 12 लोगों को नामजद किया गया है।
बताया जाता है कि वर्तमान पुलिस अधीक्षक ने अपने योगदान के कुछ दिनों बाद ही पुलिस लाइन में अपने निरीक्षण के दौरान इस अनियमितता को पकड़ा था। इसकी जांच के लिए उन्होंने दलसिंहसराय डीएसपी के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की थी। जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद रविवार को आइजी कुंदन ने फिर मामले की जांच की। तब जाकर रविवार को एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया गया।
पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच के लिए जो कमेटी बनाई, उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कारतूस गायब होने का यह खेल वर्ष 1999 से ही जारी था। यह 2000, 2001, 2004, 2013 एवं 2016 तक निर्बाध गति से चलता रहा। इन वर्षों में अभी तक चार हजार कारतूस का पता नहीं चल पाया। इस बाबत आम लोगों ने तंज कसा है कि शराबबंदी के दौर में जब पुलिस मालखाने में रखी शराब चूहे गटक सकते हैं तो भला कारतूस क्यों नहीं खा सकते। हालांकि, एसपी दीपक रंजन जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन देते हैं।
दरभंगा क्षेत्र के आईजी समस्तीपुर पहुंच कर पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधिकारीयों के साथ एक बैठक भी किए। वहीं, गायब गोली के मामले को लेकर पुलिस के कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते नजर आए। इससे पहले, सीवान पुलिस लाइन में भी 1 राइफल के साथ 28 गोलियां, दो पिस्टल के साथ 57 गोलियां गायब पाई गई हैं। इस बार पटना पुलिस लाइन के शस्त्रागार से कई हथियार गायब होने की खबर आ रही है। न तो हथियारों का हिसाब मिल रहा है और न ही पुलिस के आला अधिकारी इस मामले में कुछ कहने को तैयार हैं।
सूत्रों के मुताबिक पटना पुलिस लाइन स्थित शस्त्रागार से 7 बोल्ट एक्शन राइफल गायब हैं। शस्त्रागार की जांच में इन हथियारों का रिकॉर्ड नहीं मिल पा रहा है। बोल्ट एक्शन राइफल के अलावा कई रिवाल्वर पिस्टल भी गायब हैं। हालांकि अभी कितने हथियार गायब हैं, इसकी गिनती पूरी नहीं हो सकी है। एक-दो दिनों में इसकी पूरी संख्या का पता चल पाएगा।
उल्लेखनीय है कि डीजीपी के एस द्विवेदी ने जिला पुलिस के सभी शस्त्रागार के जांच करने के आदेश दिये थे। इसके बाद जिला पुलिस के हथियारों एवं गोलियों की जांच शुरू की गई थी। हालांकि पुलिस लाइन के शस्त्रागार की जांच अभी अंतिम चरण में है और अभी ही काफी हथियारों के गायब होने की सूचना आ रही है। मामले को लेकर पुलिस महकमे में हड़कंप मची हुई है।
यहा बता दें कि पिछले साल पटना के एसएसपी मनु महाराज ने पटना नगर निगम चुनाव से पहले थानेदारों की बैठक बुलाई थी। इसी दौरान मनु महाराज ने थानेदारों से पूछा था कि शराबबंदी लागू होने के बाद जितनी भी शराब जब्त हुई है और जिसे थाने के मालखाने में रखा गया, उसमें कमी क्यों आ रही है? इस सवाल के बाद थानेदारों ने जो कहा वो वाकई चौंकाने वाला था।
थानेदारों ने कहा था करोडों की शराब मालखाने से इसलिए गायब हो गई है क्योंकि उस शराब को चूहों ने पी लिया। ऐसे में सोशल मीडिया पर लोग तंज कर रहे है कि जब चूहे शराब पी सकते है तो कारतूस क्यों नहीं खा सकते हैं।