कश्मीर में बर्फीले कहर ने लील ली 9 जानें, अभी भी कई लापता, पिछले साल 51 लोगों की मौत हुई थी 

By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 14, 2020 05:55 PM2020-01-14T17:55:41+5:302020-01-14T17:55:41+5:30

कश्मीर के रामपुर और गुरैज सेक्टर में भी हिमस्खलन के कारण सेना की पोस्टों को नुकसान पहुंचा है। यही नहीं हिमस्खलन में करीब तीन जवान लापता बताए जा रहे हैं।

four soldiers among 10 killed in avalanches, 51 people killed last year in Jammu and Kashmir | कश्मीर में बर्फीले कहर ने लील ली 9 जानें, अभी भी कई लापता, पिछले साल 51 लोगों की मौत हुई थी 

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Highlightsकश्मीर में बर्फीले तूफानों ने कहर बरपाया है। पिछले 24 घंटों में कई स्थानों पर होने वाले हिमस्खलनों में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। जिन लोगों की मौत हुई है उनमें सेना के चार जवान हैं तथा पांच नागरिक हैं।

कश्मीर में बर्फीले तूफानों ने कहर बरपाया है। पिछले 24 घंटों में कई स्थानों पर होने वाले हिमस्खलनों में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लापता बतााए जाते हैं। जिन लोगों की मौत हुई है उनमें सेना के चार जवान हैं तथा पांच नागरिक हैं। कई जवान तथा नागरिक लापता बताए जाते हैं। बर्फ का अधिकतर कहर एलओसी से सटे इलाकों में बरपा है। पिछले साल भी जम्मू कश्मीर में ऐसे हिमस्खलनों में 51 लोगों की जानें चली गई थीं तथा 2018 में 47 लोग मारे गए थे।

अधिकारियों के मुताकिब, कश्मीर के विभिन्न इलाकों में हुए हिमस्खलन में चार जवान शहीद जबकि पांच लोगों की मौत हो गई है। इस भीषण परिस्थिति में लोगों की सेवा में तत्पर सेना के जवानों ने बचाव अभियान चलाकर बर्फ में दबे चार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है जबकि एक जवान अभी भी लापता है। बचाव कार्य अभी भी जारी है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गत सोमवार देर शाम जिला कुपवाड़ा में एलओसी से सटे मच्छेल सेक्टर में सीमा की सुरक्षा में तैनात कई जवान हिमस्खलन की चपेट में आ गए। जब तक बचाव दल वहां पहुंचा तीन जवान शहीद हो चुके थे। हालांकि उनके पार्थिव शरीर को कुपवाड़ा सैन्य शिविर पहुंचा दिया गया है। अभी भी सेना के पांच जवान यहां फंसे हुए हैं जबकि दो जवान लापता है। बचाव दल उसकी तलाश में जुटा हुआ है।

वहीं एलओसी के साथ सटे नौगाम सेक्टर में हुए हिमस्खलन में ड्यूटी पर तैनात बीएसएफ के सात जवान उसमें फंस गए। बचाव दल ने छह जवानों को तो बचा लिया परंतु बीएसएफ का जवान इस दौरान शहीद हो गया। शहीद की पहचान बीएसएफ कांस्टेबल गंगाबारा निवासी मुजनी टी-इस्टेट जलपाइगुड़ी पश्चिम बंगाल के तौर पर हुइ है। शहीद का पार्थिव शरीर बर्फ से निकाल लिया गया है।

इसके अलावा कश्मीर के रामपुर और गुरैज सेक्टर में भी हिमस्खलन के कारण सेना की पोस्टों को नुकसान पहुंचा है। यही नहीं हिमस्खलन में करीब तीन जवान लापता बताए जा रहे हैं। हालांकि अधिकारिक तौर पर अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है। परंतु सेना ने वायु सेना की मदद से हिमस्खलन प्रभावित इलाकों में अपनी टीमें भेज रखी हैं। लापता जवानों व लोगों की तलाश की जा रही है। 

इससे पहले सोमवार सुबह उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल गुलमर्ग में हिमस्खलन की चपेट में आने से सेना का एक जवान लापता हो गया। लापता जवान की पहचान हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी के तौर पर हुई। उसकी तलाश के लिए बचाव अभियान चलाया हुआ है।

इसके अलावा गंदरबल में भी दो अलग-अलग जगह हुए हिमस्खलन में 16 लोगों को बचा लिया गया है जबकि यहां पांच लोगों की मौत हो गई है। एसएसपी गांदरबल केएम पोसवाल ने बताया कि पहला हिमस्खलन कुल्लर से नजदीक राइसन इलाके में हुआ। समय रहते बचाव दल के यहां पहुंचने से 12 लोगों की जाने बचा ली गई। 

दूसरा हिमस्खलन कुल्लन के ही खास इलाके में हुआ। यहां सोमवार रात को बर्फ का पहाड़ खिसक जाने से नौ लोग उसकी चपेट में आ गए। स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंचे सेना के जवानों ने बर्फ में दबे लोगों को बचाने के लिए अभियान शुरू कर दिया। चार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया परंतु पांच लोगों की बर्फ में दबने से मौत हो गई। सभी शवों को बरामद कर लिया गया है।

Web Title: four soldiers among 10 killed in avalanches, 51 people killed last year in Jammu and Kashmir

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