भाजपा के वरिष्ठ नेता व पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी का निधन, पीएम मोदी ने कहा- उनके निधन से आहत हूं
By अनिल शर्मा | Published: January 8, 2023 10:16 AM2023-01-08T10:16:33+5:302023-01-08T10:35:49+5:30
10 नवंबर, 1934 को इलाहाबाद में जन्मे त्रिपाठी ने जुलाई 2014 से जुलाई 2019 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। इससे पहले, उनके पास बिहार, मेघालय और मिजोरम के राज्यपाल के रूप में छोटे कार्यकाल के लिए अतिरिक्त प्रभार भी थे।
प्रयागराजः उत्तर प्रदेश विधानसभा के पू्र्व अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी का रविवार सुबह प्रयागराज में निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। भाजपा के वरिष्ठ नेता त्रिपाठी यूपी विधानसभा के तीन बार अध्यक्ष रहे। पार्टी के एक नेता ने कहा कि त्रिपाठी जी को हाथ में फ्रैक्चर के साथ-साथ बुढ़ापे से संबंधित बीमारियों और सांस लेने की समस्याओं के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, केसरीनाथ त्रिपाठीजी थोड़ी देर के लिए आईसीयू में थे और उनकी हालत में सुधार हुआ है जिसके बाद उन्हें घर लाया गया। आज सुबह करीब पांच बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया है और त्रिपाठी को यूपी में भाजपा पार्टी के निर्माण में प्रमुख व्यक्ति बताया है। पीएम ने ट्वीट किया- “श्री केशरी नाथ त्रिपाठी जी अपनी सेवा और बुद्धि के लिए सम्मानित थे। वे संवैधानिक मामलों के अच्छे जानकार थे। उन्होंने यूपी में भाजपा के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और राज्य की प्रगति के लिए कड़ी मेहनत की। उनके निधन से आहत हूं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं। ओम शांति।”
Shri Keshari Nath Tripathi Ji was respected for his service and intellect. He was well versed in Constitutional matters. He played a key role in building BJP in UP and worked hard for the state’s progress. Pained by his demise. Condolences to his family and admirers. Om Shanti. pic.twitter.com/mQqirPTPvy
— Narendra Modi (@narendramodi) January 8, 2023
10 नवंबर, 1934 को इलाहाबाद में जन्मे त्रिपाठी ने जुलाई 2014 से जुलाई 2019 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। इससे पहले, उनके पास बिहार, मेघालय और मिजोरम के राज्यपाल के रूप में छोटे कार्यकाल के लिए अतिरिक्त प्रभार भी थे।
इसके साथ ही वह छह बार यूपी विधान सभा के सदस्य थे और 1977 से 1979 तक जनता पार्टी के शासन के दौरान राज्य में संस्थागत वित्त और बिक्री कर के कैबिनेट मंत्री थे। केसरीनाथ त्रिपाठी एक एक कवि और लेखक भी थे। उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में अभ्यास किया था और कुछ समय के लिए यूपी में भाजपा अध्यक्ष भी रहे थे।